सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने एक बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि, ”COVID-19 के दौरान योग की प्रासंगिकता बढ़ी है।” इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ”योग ने इस दौरान लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद की है।” जी दरअसल आज उन्होंने महाराजा अग्रसेन पार्क में योगा किया और यहाँ योगा करने के बाद उन्होंने बयान देते हुए कहा- ”कोविड-19 के दौरान योग की प्रासंगिकता बढ़ी है। योग ने हमें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद की है।”
इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ”हमें योग या अन्य शारीरिक गतिविधियों को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। ये हमें कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, यह आपके शरीर की तात्कालिकता और आंतरिक शक्ति को बढ़ाएगा, यह आपको कोविड के खिलाफ लड़ाई में और ताकत भी देगा।” इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, ”कोविड की दूसरी लहर की लड़ाई में हम धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ रहे हैं, हमें बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना है।”
इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि, ”अगर हम फिर से लापरवाह होकर आराम करेंगे तो फिर से कोविड के और भी कई मामले सामने आ सकते हैं। आज से प्रत्येक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में 18 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक नागरिक को मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा।” आपको बता दें कि इनसे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशभर की जनता को सम्बोधित किया था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, ”योग ने दुनिया भर के लोगों को चल रही कोविड महामारी के बीच आशा की एक किरण प्रदान की है। COVID-19 महामारी के बीच योग आशा की एक किरण है क्योंकि पिछले दो वर्षों में योग के प्रति उत्साह केवल बढ़ा है। इस वर्ष, इस अवसर का विषय ‘योग फॉर वेलनेस’ है, और यह शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित होगा।”
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