राहुल गांधी के राजनीतिक विरोधी कहे जाने वाले शिवसेना के मुखपत्र सामना ने गुजरात चुनाव का परिणाम आने से पहले उनकी जमकर तारीफ की है और भविष्य में उनसे काफी उम्मीदें भी लगा रखी हैं.
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गुजरात चुनाव के परिणाम आने से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कमान संभाल लिया है, इस तरह से उनके कार्यकाल में गुजरात का परिणाम सबसे पहला अहम रिजल्ट होगा.
सोनिया गांधी के जाने के बाद अब कांग्रेस में ‘राहुल युग’ की शुरुआत हो चुकी है. सामना राहुल की तारीफ करते हुए लिखता है कि वह ऐसे समय में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं जब वह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है. पार्टी में हर स्तर पर काफी गिरावट आई है. यहां तक कि 2014 में केंद्र में सत्ता से बेदखल होने के बाद वह मुख्य विपक्षी दल होने लायक जीत भी हासिल नहीं कर सकी थी. अब इस युवा कंधे के भरोसे है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का भविष्य.
सामना आगे लिखता है, आखिरी सांस ले रही कांग्रेस को इस बुरे दिन से निकालने की जिम्मेदारी उन पर है और इसके लिए उनको थोड़ा वक्त देना होगा. खासकर उन्हें जो उनके नेतृत्व क्षमता पर जमकर शोर मचाते हैं.
सामना लिखता है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस से हमारा काफी मतभेद है. लेकिन यह मतभेद उसकी दिखावटी विचारधारा से है. देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर उन्हें खुलकर बोलना होगा. वह लिखता है, गुजरात चुनाव में उन्होंने जिस तरह से पार्टी की कमान संभाली, उसने नई उम्मीद का संचार किया है. वह चुनाव परिणाम के बारे में सोचे बगैर लगातार मैदान में डटे रहे और सत्ताधारी दल को तगड़ी चुनौती दी.
राहुल का समर्थन करते हुए सामना आगे कहता है कि उन्हें संयम के साथ काम करना होगा. जो कहते हैं कि राहुल कुछ नहीं कर सकते वो अंधविश्वासी हैं. जो पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बारे में कहता है कि उनका देश के विकास में कोई योगदान नहीं है, वो गलत हैं और अज्ञानता में जी रहे हैं. 60 सालों में देश ने खूब तरक्की की है. कांग्रेस को राहुल पर भरोसा रखना चाहिए.
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