प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। वह इस दौरान इस साल आखिरी बार इस कार्यक्रम की माध्यम से लोगों को संबोधित करेंगे। बता दें कि यह कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है। पीएम मोदी ने ट्वीट करके इसके लिए सुझाव मांगे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, बीते साल को आप कैसे बयां करेंगे? 2021 से आप क्या उम्मीद रखते हैं? 27 दिसंबर को इस साल ‘मन की बात’ के आखिरी कार्यक्रम से पहले अपने सुझाव साझा करें। आप MyGov, NaMo App या 1800-11-7800 पर अपने सुझाव रिकॉर्ड करा सकते हैं। यह इस कार्यक्रम का 72 वां संस्करण होगा। 
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 71वें संस्करण में पीएम मोदी ने नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए थे। उन्होंने कहा था कि कृषि कानूों में किए गए बदलावों को किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलने वाला बताया। उन्होंने कहा कि कम समय में ही किसानों को इसका लाभ मिलने लगा है। उन्होंने किसानों के अफवाहों से बचने इसे लेकर जागरूकता फैलाने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान साफ किया कि कृषि कानूनों में किए गए सुधार किसानों की वर्षों से लंबित मांगों के अनुरूप है। उन्होंने इश दौरान महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जीतेंद्र भोइजी का उदाहरण देते हुए कहा कि कम समय में ही नए कानूनों का लाभ किसानों को मिलने लगा है। भोइजी ने इस कानून की मदद से चार महीने से टरका रहे व्यापरी को फसल की कीमत देने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा था कि अफवाहें दूर करने के लिए किसानों के जागरूक करना जरूरी है। उन्हों ने नौजवानों और खासकर कृषि की पढ़ाई करने वालों से किसानों को जागरूक करने का आग्रह किया।
पीएम मोदी ने इस दौरान शिक्षण संस्थानों को पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिए मंच बनाने की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम छात्र केवल पढ़ते रहते हैं, लेकिन पूर्व छात्र उम्रभर रहेंगे। पूर्व छात्र अपने संस्थानों की बेहतरी में बहुत येगदान दे सकते हैं। जिस जगह ने हमारे व्यक्तित्व को आकार दिया और हमें आगे बढ़ाया, उसे कुछ देने से बड़ी खुशी क्या हो सकती है। कई पूर्व छात्रों ने अपनी संस्थानों का कायाकल्प कर दिया।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features