अमेरिका में हुए एक शोध में कुछ ऐसे शब्दों की पहचान की गई है, जिन्हें अगर आप बार-बार बोलते हैं तो इससे पता चलता है कि आप तनाव में हैं. प्रॉसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के स्पीच एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप के मुताबिक, जब कोई तनाव में होता है तो उसके मुंह से रियली (really), सो (so) और वैरी (Very) जैसे शब्द निकलते हैं. रिसर्च में ये भी सामने आया है कि ऐसे में लोग बोलते भी कम हैं. प्रॉसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में छपे शोध में 143 लोगों के स्पीच पैटर्न का परीक्षण किया गया था. सभी को एक वॉयस रिकॉर्डर पहनाया गया था जो कि थोड़ी-थोड़ी देर में ऑन हो जाता था. ये रिकॉर्डर उन्होंने दो दिन तक पहना. फैशन! अब आप भी ट्राउजर्स का फ्यूजन ट्रैगिंग्स को करें शामिल
रिकॉर्डिंग सुनकर हुआ अध्ययन
साइकॉलजिस्ट मथायस ने रिकॉर्डिंग को सुनकर लिखा और उसका अध्ययन किया. रिकॉर्डिंग सुनने के बाद उन्होंने बताया ‘उनकी नजर में वे जो बोल रहे थे उसका कोई मतलब नहीं था लेकिन इससे जाहिर हो रहा था कि उनके अंदर क्या चल रहा है.’ इसके बाद उन्होंने जीनोमिसिस्ट्स की टीम के साथ मिलकर उनका स्ट्रेस लेवल चेक किया. ये पाया गया कि जो लोग तनाव में थे उन्होंने ऐडवर्ब्स का ज्यादा इस्तेमाल किया था. साथ ही ऐसे लोगों ने ‘उनके’ और ‘वे’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कम किया. इससे यह भी पता चलता है कि जो लोग तनाव में होते हैं वे आसपास के लोगों के बजाय खुद पर फोकस कर सकते हैं.
स्पीच पैटर्न है मददगार
साइकॉलजिस्ट के मुताबिक, शोध में निष्कर्ष निकला स्ट्रेस का पता लगाने में स्पीच पैटर्न काफी मददगार होता है. साइकॉलजिस्ट क्रेसवेल कहते हैं, जहां स्ट्रेस पर कई शोध हुए हैं, वहीं इसे स्पीच पैटर्न से जोड़ना नई अप्रोच है.
ओके (Ok) शब्द कहां से आया
All Correct की शॉर्ट फॉर्म है OK. 23 मार्च 1839 में पहली बार OK शब्द को अमेरिकी अखबार बॉस्टन मॉर्निंग पोस्ट में छापा गया था. OK का मतलब था ऑल करेक्ट. माना जाता है कि उस वक्त पढ़े-लिखे लोगों में गलत स्पेलिंग लिखने का फैशन था और उन्होंने All correct को Oll Korrekt लिखा गया था. जिसे छोटा करके बॉस्टन मॉर्निंग पोस्ट ने OK कर दिया. तब से लेकर आज तक हम सब ‘ओके’ ही बोलते हैं.
थैंक्स शब्द कहां से आया
माना जाता है कि सबका चहेता थैंक यू (Thank You) आया है थिंक (Think) शब्द से. इसका मूल मतलब था कि आपने जो मेरे लिए किया, मैं उसे याद रखूंगा. कहा जाता है कि इसका ऑरिजन जर्मन वर्ड thankojan से हुआ. आई थैंक यू बाद में छोटा होकर रह गया थैंक यू. वैसे, छोटा-सा दिखने वाला यह शब्द असर काफी बड़ा करता है. जिसको दिल से थैंक्स बोला जाता है, वह आपका मुरीद हो जाता है.