उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आते ही प्रशासन में बड़ा फेरबदल किया जा रहा है। सीएम योगी अपने फुल एक्शन में नजर आ रहे हैं। बीते दिनों आईपीएस ऑफिसर हिमांशू कुमार ने बगावत कर दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि जाति के आधार पर अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। जिसके बाद अब हिमांशू पर सरकार की गाज गिरी है। ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया। जिसके बाद भी हिमांशू के बगावती तेवर नहीं थमे और उन्होंने फिर ट्वीट कर कहा कि आखिर सच की जीत हुई।
हिमांशू कुमार ने कहा था कि यादव सरनेम वालों को टारगेट किया जा रहा है
प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सीएम योगी ने पुलिस के आला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं, लखनऊ पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस हिमांशु कुमार ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस पर भारी दबाव है। सभी यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। उन्हें या तो सस्पेंड किया जाएगा या फिर लाइन हाजिर कर दिया जाएगा। हालांकि जब हिमांशु कुमार के ट्वीट पर जब बवाल बढ़ा तो उन्होंने तत्काल अपना ट्वीट हटा लिया और एक दूसरा ट्वीट करते हुए सफाई दी थी कि मेरे ट्वीट का गलत मतलब समझा गया है।
दहेज का मामला भी दर्ज है हिमांशू पर
हिमांशु पर दहेज उत्पीड़न का मामला भी दर्ज है। आईपीएस ने ट्वीट कर बताया था कि उसकी पत्नी 10 करोड़ रुपए के लिए उसे ब्लैकमेल कर रही है। 2010 बैच के आईपीएस हिमांशु कुमार ने बिसरख, नोएडा में पत्नी के खिलाफ चल रहे केस से रिलेटेड FIR दर्ज करवाई थी।
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