सीएम सोरेन का एलान- अगर हमारी सरकार आई तो पांच की जगह हर महीने मिलेगा सात किलो राशन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि झारखंड में भाजपा शासन के दौरान 11 लाख राशन कार्ड और तीन लाख पेंशन रद्द कर दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप भूख के कारण कई आदिवासी, दलितों की मौत हो गई।

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होगा। जबकि काउंटिंग 23 नवंबर को होगी। ऐसे में सभी राजनीतिक दल जमकर जनता को लुभाने के लिए वादे कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एलान किया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के सत्ता में आने पर लोगों को हर महीने सात किलो राशन मिलेगा।

पांच किलो प्रति माह के बजाय सात किलो राशन का एलान
सोरेन ने रविवार को वादा करते हुए कहा कि अगर जेएमएम के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आया तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लोगों को मौजूदा पांच किलो प्रति माह के बजाय सात किलो राशन मिलेगा। इतना ही नहीं पेंशन राशि भी बढ़ाई जाएगी।

भाजपा पर लगाए ये आरोप
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि झारखंड में भाजपा शासन के दौरान 11 लाख राशन कार्ड और तीन लाख पेंशन रद्द कर दिए गए, जिसके परिणामस्वरूप भूख के कारण कई आदिवासी, दलितों की मौत हो गई। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘मुझे गर्व है कि भाजपा के शासन में जहां भूख से मौतें एक आम समस्या बन गई थी, जिससे राज्य के गरीब और वंचित वर्ग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भोजन, पेंशन और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था, जिससे लोगों की जीवन गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ा। परंतु अबुआ सरकार के आने के बाद स्थिति में व्यापक बदलाव आया है।

अबुआ सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू किया
उन्होंने आगे कहा, ‘हर झारखंडी को उनके हक के अनुसार राशन, पेंशन, और पोषण मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर पा रहे हैं। अबुआ सरकार ने राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे झारखंड के लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है और उन्हें एक नई उम्मीद मिली है।’

केंद्र ने यह कदम उठाए गलत: सीएम
इतना ही नहीं सीएम सोरेन बताया कि भाजपा ने अपने शासन में क्या कुछ गलत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 10 साल में मध्याह्न भोजन और आंगनवाड़ी में बच्चों का बजट आधा किया, केंद्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का बजट 40 प्रतिशत कम किया, झारखंड के 40 लाख गरीबों को राशन से वंचित रखा। इतना ही नहीं, केंद्र ने मजदूरों के जीवनरेखा मनरेगा को आईसीयू में डाल दिया। वहीं, खाना खाने के लिए आधार अनिवार्य करके गरीबों के पेट पर सीधा वार किया। साथ ही झारखंड की भाजपा राज में 11 लाख राशन और 3 लाख पेंशनों को रद्द किया गया।

‘हमने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई कदम उठाए’
उन्होंने कहा कि इन सब का नतीजा यह निकला कि कई आदिवासी, दलित और पिछड़ों की भूख से मौत हुई। आपके अबुआ सरकार ने पिछले पांच साल में ( दो साल कोरोना सहित) सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई कदम उठाए। जैसे-

40 लाख से ज्यादा बुजुर्ग, एकल महिलाओं और विकलांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जोड़ा
मेहनतकश वर्ग के लिए पेंशन की उम्र 60 साल से कम करके 50 वर्ष किया
20 लाख छुटे लोगों को जन वितरण प्रणाली से जोड़ा
18-50 वर्ष की महिलाओं के लिए मईया सम्मान योजना
मनरेगा मजदूरी बढ़ाया

उन्होंने आगे कहा कि अगर फिर से अबुआ सरकार बनती है तो जन वितरण प्रणाली में पांच किलो अनाज के जगह सात किलो अनाज प्रति व्यक्ति दिया जाएगा। पेंशन की राशि में बढ़ोतरी, मईया सम्मान योजना में 2500 रुपये प्रति माह, 10 लाख अतिरिक्त छुटे लोगों को राशन, आंगनवाड़ी और मध्याह्न भोजन में बच्चों को अंडा या फल प्रतिदिन दिए जाएंगे।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com