छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों के हमले को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। कुछ दिनों से अपना रहे थे एक ही रास्ता
सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ के ये जवान पिछले कुछ दिनों से एक ही रूट का इस्तेमाल कर रहे थे जिसके कारण माओवादियों का शिकार बन गए। पहला हमला तब हुआ जब जंगल में 36 जवानों वाली सीआरपीएफ टीम लंच के लिए रुकी। बताया जा रहा है जवानों का सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी थी, इस वजह से वे माओवादियों के निशाने पर आए।
माओवादियों के ग्रुप में महिलाएं भी शामिल थीं
माओवादियों ने गांववालों का इस्तेमाल करके सुरक्षाबलों के मूवमेंट पर नजर रखा हुआ था। संख्याबल के मामले में माओवादियों के मुकाबले हल्के पड़े सीआरपीएफ की पहली टीम पर नक्सलियों ने एके-47 असॉल्ट राइफल्स, इंसास राइफल्स, राइफल्स, रॉकेट लॉन्चर्स, मोर्टार और यहां तक कि अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर्स से हमला किया था। ग्रेनेड लॉन्चर्स से हुए हमले ने जवानों को चौंका दिया। हमला करने वाले माओवादियों के ग्रुप में महिलाएं भी शामिल थीं।
जवानों से हथियार भी लूट ले गए नक्सली
नक्सली जवानों को मारने के बाद उनके लगभग सारे हथियार लूट कर ले गए। सुरक्षा बलों ने इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है क्योंकि इसमें कई बेहद आधुनिक हथियार हैं, जिनसे नक्सलियों की ताकत बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक जवानों के कुल 22 हथियार गायब हुए हैं। अब तक 12 एके-47, जिनमें पांच अंडरबैरल ग्रेनेड लांचर भी शामिल हैं, चार एकेएम यानी एके-47 सीरिज की एक अन्य राइफल, दो इंसास एलएमजी और तीन इंसास राइफल के गायब होने की सूचना मिली है।
नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान की हुई थी मौत
आपको बतां दे कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद से आठ जवान लापता हैं। इसके बाद पुलिस दल ने भी जवाबी कार्रवाई की थी।