सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अधिकार से जुड़ी एक बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा है कि पति अपनी पत्नी को जबरदस्ती साथ रहने के लिए नहीं कह सकता है.सुप्रीम कोर्ट का आदेश- पत्नी कोई वस्तु नहीं, जिसे जागीर समझकर पति अपने साथ रहने के लिए मजबूर करे
दरअसल, एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाया गया था. इससे जुड़े केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की. महिला ने अपने आरोप में कहा था कि पति चाहता है कि वह उसके साथ रहे लेकिन वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है.
महिला के इस दर्द को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पति के खिलाफ सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि पत्नी कोई ‘चल संपति’ या ‘वस्तु’ नहीं है. इसलिए पत्नी के साथ रहने की इच्छा होने के बावजूद पति इसके लिए पत्नी पर दवाब नहीं बना सकता है.
कोर्ट ने क्या कहा
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