सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ महिला जजों की पीठ बैठेगी और मामले सुनेगी। इससे पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। पिछले महीने अगस्त में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी को शपथ दिलाए जाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार तीन महिला न्यायाधीश हैं। आजादी के बाद से शीर्ष अदालत में वह आठवीं महिला न्यायाधीश हैं। तीन वर्तमान महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति भानुमति सबसे वरिष्ठ हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
2013 में पहली बार दिखी थी पूरी तरह महिलाओं वाली पीठ
इंदिरा बनर्जी से पहले जस्टिस फातिमा बीबी, जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रूमा पॉल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदु मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट में जज बनाई जा चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार 2013 में पूरी तरह महिलाओं वाली पीठ देखने को मिली थी। उस समय एक मामले पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ बैठी थी।
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