जेट एयरवेज के वित्तीय संकट की खबरों के बीच नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने स्पष्ट किया है कि निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा। ऐसे मामलों में सरकार की भूमिका केवल नीतिगत स्तर पर ही हो सकती है।
25 साल से ज्यादा समय से उड़ान सेवाएं दे रही फुल सर्विस एयरलाइन जेट एयरवेज इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी ने नौ अगस्त को जून तिमाही के अनऑडिटेड नतीजों को टाल दिया था। इस संबंध में एयरलाइन के निदेशक मंडल की 27 अगस्त को बैठक होगी। इसमें पिछली तिमाही के नतीजों पर विचार किया जाएगा और उसे मंजूरी दी जाएगी। कथित तौर पर डिसक्लोजर नियमों का पालन नहीं करने को लेकर कंपनी पूंजी बाजार नियामक सेबी के निशाने पर भी है। सूत्रों के मुताबिक, तिमाही नतीजा नहीं जारी करने को लेकर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। तमाम उठापटक के बाद मंगलवार को कंपनी के शेयर करीब तीन फीसद तक गिर गए।