स्टार पहलवान सुशील कुमार की निगाहें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करने पर लगी हैं, जिसकी तैयारी के लिए वह जॉर्जिया में कड़ा अभ्यास करेंगे. वह एशियाई खेलों के लिए इंडोनेशिया रवाना होने से पहले दिल्ली लौट आएंगे.
लंदन ओलंपिक खेलों के 66 किग्रा वर्ग के रजत पदकधारी फ्रीस्टाइल पहलवान ने कहा, ‘मैंने कुश्ती में चार साल बाद वापसी ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान की जिसमें मैंने 74 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता. मैं अभी फॉर्म में हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं विश्व और एशियाई चैंपियन हूं, लेकिन एशियाई खेलों में स्वर्ण नहीं जीत सका हूं. मैं जबर्दस्त तपस्या में लगा हुआ हूं.’
दिल्ली के इस पहलवान ने 2006 दोहा एशियाई खेलों में कांस्य पदक अपने नाम किया था. 66 किग्रा का यह 35 वर्षीय पूर्व विश्व चैंपियन एशियाई खेलों में 74 किग्रा वर्ग में भाग लेगा. वह पिछले ग्वांग्झू और इंचियोन एशियाई खेलों में भाग नहीं ले पाए थे.
2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों में भी सुशील ने 66 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था और वह 56 वर्षों में ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय थे. सुशील ने अपने ट्रेनिंग कार्यक्रम के बारे में कहा, ‘मेरा ट्रेनिंग कार्यक्रम सभी को पता है. मैं एक दिन वजन उठाने की ट्रेनिंग करता हूं तो अगले दिन बाउट की ट्रेनिंग करता हूं.’
उन्होंने जॉर्जिया में अभ्यास के बारे में कहा, ‘जॉर्जिया में अलग-अलग तरह के पहलवान भिड़ंत के लिए उपलब्ध होते हैं. प्रतिस्पर्धा भी कड़ी होती है, क्योंकि अजरबैजान और तुर्की जैसे पहलवान वहां ट्रेनिंग के लिए पहुंचते हैं
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