- आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ सहित 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
- हजरतगंज कोतवाली में दर्ज करायी गयी एफआईआर
- पुलिस का कहना मामले की छानबीन जारी
लखनऊ , 21 सितम्बर ()।
हसनगंज के त्रिवेणीनगर इलाके में रहने वाले सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी कीबेटी के खाते से जालसाजों ने 9.85 लाख रुपये निकाल लिये। ठगी यह घटना उस वक्त की है जब सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी की बेटी की चेकबुक व एटीएम खो गया था। पिता-पुत्री ने बैंक के कई चक्कर लगाये पर कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने हजरतगंज कोतवाली में आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंद्रा कोचर सहित 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी। त्रिवेणीनगर इलाके में सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी दिग्विजय सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी बेटी श्वेता सिंह दिल्ली में एक निजी स्कूल में टीचर है और साथ ही एक कम्पनी में काम भी करती हैं। श्वेता का हजरतगंज के हलवासिया स्थित आईसीआईसीआई बैंक में बचत खाता है और दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन पार्ट-2 में कम्पनी का खाता है। बताया जाता है कि बीते 4 जुलाई
को वह दिल्ली से लखनऊ आने की तैयारी कर रही थी। पैकिंग के दौरान उनको अपना एटीएम कार्ड व चेकबुक नहीं मिली। श्वेता ने उसी दिन आईसीआईसीआई बैंक पहुंची और चेकबुक व एटीएम कार्ड खो जाने की शिकायत करते हुए खाते को ब्लाक करने के लिए कहा। शिकायत करने के बाद श्वेता सिंह लखनऊ आ गयी। बीते 5 सितम्बर को श्वेता सिंह के बैंक खाते से बियरर चेक के माध्यम से 8 लाख रुपये निकाल लिये गये। रुपये निकाले जाने का मैसेज श्वेता सिंह को मोबाइलपर मिला। मैसेज देख श्वेता के पैरों तले जमीन खिसक गयी। इस बीच उनको
दूसरा मैसेज मिला और इस बार उनके खाते से 1.85 लाख रुपये निकाले जा चुके थे। इसके बाद श्वेता सिंह अपने पिता के साथ बैंक शिकायत लेकर पहुंची। शिकायत करने के साथ ही उन्होंने बैंक की सीईओ चंद्रा कोचर सहित अन्य अधिकारियों को ईमेल के माध्यम से शिकायत की। शिकायत के बाद भी श्वेता सिंह को बैंक से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद मंगलवार को वह अपने पिता के साथ हजरतगंत कोतवाली पहुंची। उन्होंने इस संबंध में आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंद्रा कोचर सहित बैंक के 10 अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी है। इंस्पेक्टर हजरतगंज विजयमल यादव ने बताया कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी है और मामले की छानबीन की जा रही है। पीडि़त
श्वेता सिंह का कहना है कि उनका खाता ब्लाक होने के बावजूद भी खाते से रकम कैसे निकल गयी, इस बात का अंदाजा उनको भी नहीं है। वहीं बियरर चेक से 50 हजार रुपये की अधिक रकम निकालने पर बैंक खाताधारक से फोन कर रकम निकाले जाने की अनुमति लेता है, पर ऐसा कोई फोन उनके पास नहीं आया।