अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने कहा कि वे ‘लोकतंत्र पसंद करने वाले शासकों’ को गले लगाएं, जिन्होंने सबके कल्याण के लिए काम किया है. देब ने लोगों से पूछा, ‘काफी कोशिश हुई कि लोग हमारे राजाओं को भूल जाएं और स्टालिन तथा लेनिन को याद करें. कौन जानता है कि वे कौन हैं? क्या कोई मूल निवासी उनके बारे में जानता है? उनके बारे में जानकर क्या होगा?’
केंद्र सरकार को धन्यवाद प्रेषित करने के एक समारोह में सीएम ने कहा अगरतला हवाईअड्डे का नाम त्रिपुरा राजशाही के अंतिम शासक बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के नाम पर रखे जाने की की सराहना की और इस नामकरण समारोह में कहा, “माणिक्य शासक लोकतंत्र पसंद करने वाले राजा थे. त्रिपुरा में रूस के जार की तरह दमनकारी शासन नहीं था.”
देब ने कहा कि सभी मूल निवासियों के घरों में महाराजा बीर बिक्रम की तस्वीर होनी चाहिए और उन्हें जानना चाहिए कि वह आधुनिक त्रिपुरा के वास्तुकार थे. गौरतलब है की बिप्लब देव अधिकांश विवादित बयानों के लिए जाने जाते है और अल्प अवधि में ही अपने बयानों को लेकर बीजेपी हाई कमान द्वारा दिल्ली तलब कर लिए गए थे.
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