स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर कहा कि सुनिश्चित करें कि सरकारी उपक्रम तंबाकू कंपनियों में निवेश ना कर सकें। साथ ही टबैको कंपनियों में पहले किए निवेश को भी वापस लेने की कोशिश करें।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू जैसे मादक उत्पादों पर कई सारे कानून बनाने के बाद अब सरकार ने इन तंबाकू कंपनियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को भी रोकना चाहती है। सरकार इससे पहले भी टबैको कंपनियों के उत्पादों पर भारी टैक्स और वॉर्निंग साइज बढ़ावा कर पहले ही इनका और नुकसान करा चुकी है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र के जरिए कहा है कि इस पर ध्यान दिया जाए कि सरकारी उपक्रम तंबाकू कंपनियों में निवेश ना कर सकें। साथ ही वित्त मंत्रालय को यह भी कहा गया कि टबैको कंपनियों में पहले किए निवेश को भी वापस लेने की कोशिश करें। क्योंकि इन जैसी कंपनियों में निवेश करके भारत अंतरराष्ट्रीय समझौते को दरकिनार नहीं कर सकता है।
गौरतलब हो कि भारत इन तंबाकू कंपनियों में निवेश करके विश्व स्वास्थ्य संगठन के अतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन कर रहा है। भारत समेत दुनियाभर के 180 देशों ने FCTC प्रोटोकॉल समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए हैं।
सरकारी कंपनियां जैसे एलआईसी (LIC) इंडियन टबैको कंपनी (ITC) में शेयरहोल्डर है। इसके अलावा कई अन्य सरकारी बीमा कंपनियां टबैको कंपनियों की शेयरहोल्डर्स हैं। ITC में सरकारी कंपनियों के शेयर 30 प्रतिशत से ज्यादा हैं।