चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमानजी की जयंती मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 31 मार्च को है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी कलयुग में भी जीवित देवता है। हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। लेकिन कुछ ऐसे मौके होते हैं जब हनुमानजी की पूजा करते समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए नहीं तो पूजा का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है।
हनुमानजी की पूजा उस समय वर्जित मानी जाती है जब सूतक लगा हो। सूतक तब माना जाता है जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए। सूतक के 13 दिनों में हनुमान जी पूजा नहीं करनी चाहिए।
जब कभी भी परिवार में किसी के बच्चा पैदा होता है तो पैदा होने के 10 दिन तक हनुमान जी के साथ किसी अन्य देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
शव यात्रा से आने के बाद बिना नहाए हनुमान जी की पूजा नहीं करना चाहिए साथ ही अगर आप दिनभर अपने काम के चलते बाहर है और घर पर आने के बाद बिना शुद्ध हुए हनुमान जी की पूजा करते है तो आपको पूजा का फल आपको नहीं मिलता है।
हनुमान जी पूजा करते समय कभी भी गंदे और अशुद्ध कपड़े पहन कर पूजा नहीं करनी चाहिए।
अगर आप हनुमान जी की पूजा करने से पहले कुछ खाते है तो मुंह को अच्छी तरह से साफ साफ कर लेना चाहिए। झूठे मुंह से कभी भी उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
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