अमेरिका में पढ़ रहे सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग ने ईमेल भेजकर देश छोड़ने का फरमान सुनाया है। हमास या अन्य आतंकी संगठनों का समर्थन करने वाले इन छात्रों से खुद को निर्वासित करने के लिए कहा गया है, क्योंकि कैंपस में सक्रियता के कारण उनका एफ-1 वीजा (छात्र वीजा) रद कर दिया गया है।
राष्ट्र-विरोधी पोस्ट करने वालों पर भी कार्रवाई
यह कार्रवाई केवल उन छात्रों तक ही सीमित नहीं है, जिन्होंने कैंपस एक्टिविज्म में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उन लोगों को भी निशाना बनाया गया है, जिन्होंने राष्ट्र-विरोधी पोस्ट को शेयर या लाइक किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय लगा रहा पता
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक एआइ-संचालित एप ”कैच एंड रिवोक” भी लांच किया है, ताकि हमास या अन्य नामित आतंकी संगठनों का समर्थन करने वाले छात्रों का पता लगाकर उनका वीजा रद किया जा सके।
नए छात्र आवेदनों की भी जांच कर रहा है अमेरिका
विदेश विभाग नए छात्र आवेदनों की भी जांच कर रहा है, चाहे वह अकादमिक अध्ययन वीजा, व्यावसायिक अध्ययन वीजा या एक्सचेंज वीजा के लिए हो। दोषी पाए जाने पर आवेदकों को अमेरिका में अध्ययन करने का अवसर नहीं दिया जाएगा। आव्रजन वकीलों का कहना कि संभवत: कुछ भारतीय छात्रों को भी इंटरनेट मीडिया पोस्ट शेयर करने जैसी मामूली बात के लिए ऐसे ईमेल मिले हैं।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3.31 लाख भारतीय छात्र थे
ओपन डोर्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में अमेरिका में पढ़ने वाले 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 3.31 लाख भारतीय छात्र थे। यह आदेश अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो द्वारा तथाकथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के कारण कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों का वीजा रद करने की घोषणा के बाद आया है।
इस समय यह संख्या 300 से अधिक हो सकती है
रूबियो ने गुरुवार को गुयाना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस समय यह संख्या 300 से अधिक हो सकती है। हम ऐसा हर दिन करते हैं। जब भी मुझे इनमें से कोई पागल मिलता है, मैं उसका वीजा छीन लेता हूं। दुनिया के हर देश को यह तय करने का अधिकार है कि कौन आगंतुक के रूप में उनके यहां आए और कौन नहीं। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किन लोगों के वीजा रद किए गए हैं।
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