– आपदा के दौरान लैंडलाइन व मोबाइल टॉवर ठप हो जाएंगे, तो कम्युनिकेशन बैक अप क्या रहेगा? ये बड़ा सवाल बना रहा। इसके लिए सरकार अब वॉयरलेस और एचएफ सैट खरीदने पर विचार करेगी, ताकि आफत की घड़ी में कम्युनिकेशन न टूटे।
– बहुमंजिली इमारतों में फंसे लोगों को यदि निकालना पड़ा, तो लंबी सीढ़ियां ही नहीं है।
– हरियाणा अग्निशमक विभाग के पास हाइड्रोलिक फायर ब्रिगेड सुविधा ही नहीं है।
– हरियाणा अग्निशमक विभाग के पास हाइड्रोलिक फायर ब्रिगेड सुविधा ही नहीं है।
– बचाव व राहत कार्य के लिए बनाए गए ऑपरेशनल सेंटर ही यदि ध्वस्त हो गए, तो क्या? इसके लिए अब मोबाइल ऑपरेशन सेंटर भी तैयार करेगी सरकार।
– कुछ शहरों में पुलिस कम्युनिकेशन में थोड़ी दिक्कत आई, इसमें भी सुधार होगा।
– अस्पतालों में पर्याप्त बेड भी नहीं है और डाक्टरों की कमी से पहले ही जूझ रहा राज्य, कैसे मिलेगा फर्स्ट एड।
– कुछ शहरों में पुलिस कम्युनिकेशन में थोड़ी दिक्कत आई, इसमें भी सुधार होगा।
– अस्पतालों में पर्याप्त बेड भी नहीं है और डाक्टरों की कमी से पहले ही जूझ रहा राज्य, कैसे मिलेगा फर्स्ट एड।
– प्रदेश में एंबुलेंस गाड़ियों की भी कमी, प्राइवेट अस्पतालों से लेनी पड़ेगी मदद
– जिलों में डॉग स्क्वाड, ड्रोन सुविधा भी पर्याप्त नहीं है।
– जिलों में डॉग स्क्वाड, ड्रोन सुविधा भी पर्याप्त नहीं है।
सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने इलाकों में हुई इस मॉक ड्रिल की समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार करें। रिपोर्ट में अभियान के दौरान पेश आई संसाधनों की कमियों और अपने सुझावों को शामिल करें। रिपोर्ट को हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को भेजा जाए, ताकि आपदा के दौरान पेश आई कमियों पर फोकस करते हुए इनका इंतजाम किया जाए।