हरियाणा में तापमान शून्य के करीब, पारा 0.6 डिग्री पर पहुंचने से जमने लगा पाला
हरियाणा में तापमान शून्य के करीब पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री पर पहुंचने से पाला जम गया है। हिसार में तापमान सबसे कम रिकॉर्ड किया गया है। यह तापमान सामान्य से करीब 7.5 डिग्री कम है।
पिछले एक सप्ताह से भीषण सर्दी ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। भीषण सर्दी के कारण आम लोगों का जीवन प्रभावित हो गया है। इस समय गिरने वाला पाला सरसों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सरसों को पाले से बचाने के लिए किसानों को हल्की सिंचाई करनी चाहिए। सब्जियों को भी पाला गिरने से नुकसान होगा। गेहूं की फसल को पाले से अधिक नुकसान नहीं है। अधिक सर्दी से मौसम से गेहूं को लाभ होगा।
भीषण सर्दी में लोगों को खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। नगर निगम की ओर से हिसार में केवल एक रैन बसेरा बनाया गया है। वह रैन बसेरा भी आम लोगों की पहुंच से दूर है। बस अड्डे तथा रेलवे स्टेशन से दूर होने के चलते लोग रैन बसेरे तक पहुंचते।
तापमान
हिसार 0.6
करनाल 3.6
महेंद्रगढ़ 1.4
रोहतक 4.2
भिवानी 3.9
सिरसा 3.5
अंबाला 7.2
जींद 4.6
गुरुग्राम 5.3
करनाल 6.0
अभी सर्दी से राहत के आसार नहीं हैं। अगले एक सप्ताह में तापमान में गिरावट का दौर जारी रहेगा। – डॉ. चंद्रमोहन, मौसम विशेषज्ञ
नारनाैल में कई जगह जमा पाला
नारनौल में 2 दिन राहत मिलने के बाद रविवार को तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया। इस दौरान अनेक जगहों पर पाला भी जमा, इसे जनजीवन भी प्रभावित हुआ। इससे पहले बुधवार और वीरवार को भी जिले में तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया था।
क्षेत्र में लगातार तापमान में गिरावट और कुछ स्थानों पर शीतलहर से गंभीर शीतलहर व एक बार फिर से पाला जमने की गतिविधियों को दर्ज किया गया है। इन सभी स्थानों पर शीतलहर से गंभीर शीतलहर और पाला जमने व सूखी ठंड से आमजन को रूबरू होना पड़ रहा है। रविवार को नारनौल का 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि हरियाणा एनसीआर दिल्ली में हाड़ कंपा देने वाली ठंड का प्रकोप जारी है। संपूर्ण इलाके में लगातार तापमान में गिरावट और तापमान सामान्य से नीचे बने हुए हैं। हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों में स्थापित प्रति चक्रवातीय सर्कुलेशन से तापमान में हल्की बढ़त हुई, जो राजस्थान के पूर्वी राजस्थान और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश के ऊपर पहुंच गया है। जिसकी वजह से संपूर्ण इलाके पर फिर से उत्तरी बर्फीली हवाएं चलने से एक बार फिर से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर रात्रि तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है।
हरियाणा के पश्चिमी दक्षिणी जिलों में रात्रि तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया है। इसकी वजह से पाला जमने की स्थिति देखने को मिल रही है। साथ ही इलाके में दिन भर सूर्य देव की चटक और चमकदार धूप रहने से आमजन को कड़ाके की ठंड से जरूर राहत मिल रही है। एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से केवल उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर बर्फबारी होगी। साथ ही मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में शांत हवाओं की स्थिति में कोहरा और तेज हवाएं चलेंगी। इससे शीतलहर और पाला जमने की गतिविधियों की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने संपूर्ण इलाके पर फिर से आने वाले चार पांच दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है। इस मौसम प्रणाली से केवल तापमान में आंशिक तौर पर ही उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा।
शीत लहर और तापमान गिरने से जमने लगा खेतों में पाला
भिवानी में रात के समय तापमान चार डिग्री से भी कम पहुंच रहा है। जिसकी वजह से फसलों पर भी ओस की बूंदें जमने लगी हैं वहीं पाला गिरने की संभावना भी बनी है। हालांकि ये मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल और सब्जियों की फसलों के लिए नुकसानदायक बना है। भिवानी जिले में साढ़े सात लाख एकड़ भूमि में रबी सीजन की गेहूं, सरसों, जौ सहित अन्य दलहन की फसले बिजाई की गई हैं। जबकि 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसान सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं।
शीत लहर चलने और रात के समय सूखी ठंड से तापमान भी गिरने लगा है। हालांकि बारिश होती है तो किसानों को नुकसान से बचाव होगा और फसलों में भी फायदा मिलेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ मुरारीलाल ने बताया कि इस समय मौसम बागवानी के लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे मौसम में किसानों को रात के समय फसलों की हल्की सिंचाई करनी जरूरी है।