एक सीनियर इंटेलीजेंस अधिकारी ने बताया कि सईद कुरान, शरिया और अल्लाह के मुताबिक चलता है, वह कई बार ऐलान कर चुका है कि इंसानों के बनाए कानून के लिए उसके मन में कोई सम्मान नहीं है इसलिए वह केवल अल्लाह के कानून का ही पालन करेगा।
अगर हाफिज पाकिस्तान का संविधान नहीं मानता है तो उसकी राजनीति और चुनाव लड़ने का रास्ता भी बंद हो जाएगा और पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक आगे की राह और भी मुश्किल हो जाएगी।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सईद पाकिस्तान के संविधान को मानने से इनकार कर सकता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सईद का संगठन जमात-उद-दावा लाहौर में शरिया अदालत चलाता है जिसमें दावा किया जाता है कि लोगों को जल्दी न्याय मिल जाता है।
यह रिपोर्ट 2016 में पाकिस्तानी अखबार डॉन में प्रकाशित हुई थी, जिसमें यह भी कहा गया था कि दूसरी अदालतो में शिकायत और वारंट जारी होने के प्रोसेस में काफी वक्त लग जाता है।
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