पुराणों के अनुसार, फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रदोषकाल में हो दहन किया जाता है। लेकिन भद्राकाल,प्रतिपदा, चतुर्दशी के समय होली दहन नहीं करना चाहिए। पूर्णिमा पर भद्रा रहित प्रदोषकाल में होली दहन को अच्छा माना जाता है। होलिका दहन की रात को तंत्र साधना के लिए बढि़या माना जाता है। जिस कारण से इस दिन आपको भूलकर भी ये 5 काम नहीं करना चाहिए।
होलिका दहन वाले दिन कभी भी सफेद रंग की चीजें को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इस दिन टोने- टोटके के लिए सफेद चीज का उपयोग ज्यादा किया जाता है।
होलिका दहन वाले दिन में बाहर निकलते समय अपने सिर को ढककर रहना चाहिए क्योंकि टोने-टोटके के लिए सिर का इस्तेमाल किया जाता है।
इंसान के कपड़े का प्रयोग तंत्र-मंत्र और टोटके के लिए किया जाता है इसलिए इस दिन अपने कपड़े का कोई भी हिस्सा इधर-उधर न फेंकें।
होलिका दहन वाले दिन भूलकर भी किसी अनजानी चीज को नहीं छुना चाहिए नहीं तो आपके ऊपर टोटके का असर होने लगता है। साथ ही इस दिन गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें क्योंकि इन पर तंत्र-मंत्र का असर जल्दी होता है।