अनन्नास उच्च रक्तचाप, दमा, खांसी, अजीर्ण, मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है।
लाल मिर्च बनी दर्दनिवारक दिलाएगी टखनों के दर्द से मुक्ति
अनन्नास का स्वादिष्ट पेय बनाने हेतु अनन्नास व सेब का मिश्रित रस बनाकर एक चम्मच शहद, चौथाई चम्मच अदरक का रस मिलाकर पिएं। इससे ऑतों में से म्युकस (अम्लता) बाहर आ जाती है। उच्च रक्तचाप, दमा, खांसी, अजीर्ण, मासिक धर्म की अनियमितता दूर हो जाती है।
कैंसर- इसमें ब्रोमोलेन तत्व होता है, जो कैंसर से लड़ने की स्वाभाविक शक्ति को बढ़ता है।
ह्रदय- ह्रदय शक्ति बढ़ाने के लिए अनन्नास का रस नित्य पीना लाभदायक है।
टॉन्सिल- गले में सूजन होने पर अनन्नास खाने पर लाभ होता है।
बवासीर- मस्सों पर अनन्नास पीसकर लगाने से लाभ होता है।
फुंसियां- अनन्नास का गूदा फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है। इसका रस पीने से शरीर के एस्वस्थ तंतु ठीक हो जाते हैं।
अजीर्ण- अनन्नास की फांक पर नमक और कालीमिर्च डालकर खाने से अजीर्ण दूर हो जाता है।
शक्तिवर्धक- अनन्नास घबराहट को दूर करता है। प्यास कम करता है। शरीर को पुष्ट करता है और तरावट देता है। कफ को बढ़ाता है, परंतु खांसी-जुकाम नहीं करता है। दिल और दिमाग को बहुत ताकत देता है। खाली पेट अनन्नास खाने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। गर्मियों में अनन्नास का शर्बत पीने से तरो-ताजगी, ठंडक मिलती है। प्यास बुझती है पेट की गर्मी शांत होती है।
पथरी- एक गिलास अनन्नास का रस नित्य पीते रहने से पथरी निकल जाती है। पेशाब खुलकर आता है। इसलिए यह पथरी में लाभकारी है।
सूजन- शरीर की सूजन के साथ पेशाब कम आता हो, मूत्र मे एल्ब्यूमिन जाता हो, यकृत बढ़ गया हो, मन्दाग्नि हो, नेत्रों के आसपास और चेहरे पर विशेष रूप से सूजन हो तो नित्य पकी हुई अनन्नास खाएं और केवल दूध पर रहें। तीन सप्ताह में लाभ हो जाएगा।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features