मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काफिला रोकने तथा रास्ता जाम कर प्रदर्शन करने के दो अलग-अलग मामलों में जेल भेजी गईं आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की चारों महिला नेताओं को कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी। संसद हमले की बरसी पर टूटी 16 साल पुरानी परंपरा, नहीं हुआ ये काम
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एसीजेएम प्रथम सुनीता सिंह नागौर ने मिश्रिख में दर्ज मुकदमे तथा सीजेएम रूपाली सक्सेना द्वारा कोतवाली में दर्ज मुकदमे में जमानत दे दी।
आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की नेताओं ने शुक्रवार को ‘नैमिषेय शंखनाद’ कार्यक्रम में जा रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोकने की कोशिश की थी। उससे पहले 5 दिसंबर को संघ अध्यक्ष नीतू सिंह ने दुल्हन का रूप धरकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो के साथ विवाह रचाने का स्वांग भी रचा था।
इस पर पुलिस ने आंगनबाड़ी नेता नीतू सिंह, सरिता वर्मा, मंजू बंशवार, संतोष कुमारी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने देशद्रोह व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत कई संगीन धाराओं में चारों पर केस दर्ज उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।
हालांकि चारों नेताओं पर देशद्रोह की धारा बाद में हटा ली गई थी। आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस के बाद कोर्ट ने उनकी रिहाई के आदेश जारी किए गए।
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