संसद हमले की बरसी पर टूटी 16 साल पुरानी परंपरा, नहीं हुआ ये काम

संसद हमले की बरसी पर टूटी 16 साल पुरानी परंपरा, नहीं हुआ ये काम

गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, उसके बाद आज पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे से संसद भवन परिसर में मिले। मौका था संसद पर आतंकी हमले की 16वीं बरसी का। संसद हमले की बरसी पर टूटी 16 साल पुरानी परंपरा, नहीं हुआ ये काम

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गौरतलब है कि साल 2001 में 13 दिसंबर के दिन दिल्ली स्थित संसद भवन पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। तब से ही हर साल 13 दिसंबर के दिन उस दिन की याद में शहीद जवानों को संसद परिसर में श्रद्धांजलि दी जाती है। और एक रस्म भी‌ अदा की जाती है जो इस साल नहीं निभाई गई। 

16 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि शहीदों को दी जाने वाली श्रद्धांजलि के बाद सारे नेता एक औपचारिकता निभाते हैं जो इस बार नहीं निभाई गई। 

दरअसल शहीदों को पुष्प अर्पित करने के बाद पक्ष और विपक्ष के सभी नेता एक ग्रुप फोटो खिंचवाते हैं। यह परंपरा साल 2002 यानी हमले की पहली बरसी से ही चली आ रही है लेकिन इस बार नेताओं ने ये ग्रुप फोटो नहीं खिंचवाई। 

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस बार ये ग्रुप फोटो इसलिए नहीं खिंच पाई क्योंकि पीएम मोदी संसद परिसर में ज्यादा देर रुके ही नहीं और वहां से निकल लिए। यही नहीं उन्होंने किसी नेता से बात भी नहीं की। वह मनमोहन सिंह से मिले जरूर ‌लेकिन सिर्फ हाथ मिलाया और अलग जाकर खड़े हो गए।

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