भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपनी ऑनलाइन बैंकिंग को बहुत सस्ता कर दिया है. इसके तहत एसबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) पर शुल्क को 75 प्रतिशत तक कम कर दिया है. यह परिवर्तन 15 जुलाई से लागू होगा.चीन और भारत के हालत गंभीर: सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, सुषमा स्वराज हालात की देंगी जानकारी
उल्लेखनीय है कि बैंक ने देश में इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. इस बारे में एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर (एनबीजी) रजनीश कुमार के अनुसार शुल्क में कटौती इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं के द्वारा होने वाले लेनदेन पर लागू होगी. बता दें कि इसके पूर्व एसबीआई ने इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के जरिए 1000 रुपए के फंड ट्रांसफर पर चार्ज हटा दिया था. पहले इसके लिए आईएमपीएस ट्रांजेक्शन पर 5 रुपए और सर्विस टैक्स लगता था.
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बता दें कि बैंक ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के तहत संशोधित आईएमपीएस ट्रांसफर चार्ज की घोषणा की है. बैंक अब आईएमपीएस के लिए 1000 से 1 लाख रुपए के फंड ट्रांसफर पर जीएसटी के साथ 5 रुपए लेगा. वहीं 1 लाख रुपए से 2 लाख रुपए तक के फंड ट्रांसफर का चार्ज जीएसटी के साथ 15 रुपए तक लगेगा . स्मरण रहे कि सभी वित्तीय लेनदेन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है.