गुरुग्राम के रेयान स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी जुवेनाइल की न्यायिक हिरासत 30 जनवरी तक बढ़ा दी गई है. इससे पहले 7 जनवरी को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. इसके साथ ही कोर्ट का समय बर्बाद करने के आरोप में आरोपी पर 21 का जुर्माना भी लगाया गया था.
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16 वर्षीय आरोपी छात्रा रेयान इंटरनेशनल स्कूल में ही 11वीं में पढ़ता था. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पिछले साल 20 दिसंबर को आरोपी छात्र को वयस्क मानकर मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया था. मृतक प्रद्युम्न ठाकुर के पिता वरुण ठाकुर ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि आरोपी को वयस्क मानकर उसके खिलाफ केस चलाया जाए.
उस वक्त कोर्ट में सरकारी वकील ने दलील दिया था कि वरिष्ठ क्लीनिक मनौवैज्ञानिक डॉ. जोगिंदर सिंह कायरो ने आरोपी के साथ पांच घंटे समय गुजारने के बाद मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार की थी. सीबीआई ने इस केस की जांच हाथ में लेने के बाद केस को नया मोड़ देते हुए जुवेनाइल को प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी बनाया गया था.
इससे पहले इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था. लेकिन सीबीआई ने अपने हाथ में जांच लेते ही केस को नया मोड़ दे दिया और जुवेनाइल को मुख्य आरोपी बनाया. अशोक के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिले थे. इस वक्त अशोक कुमार जमानत पर रिहा है.
बताते चलें कि मृतक प्रद्युम्न के पिता ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में याचिका लगाई थी कि आरोपी को बालिग मानकर उसके खिलाफ केस चलाया जाए. उसने जघन्य अपराध किया है. ऐसे अपराध विकृत और वयस्क मानसिकता के अपराधी ही कर सकते हैं, ऐसे में कोर्ट उसे बालिग मानकर अधिकतम सजा दिलाने का रास्ता साफ करे.
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