गुरुग्राम में 29 मई की रात को 19 वर्षीय महिला के साथ तीन लोगों द्वारा गैंगरेप और उसकी आठ महीने की बच्ची की हत्या मामले में बर्बरता की सारी हदें टूटती दिख रही हैं। पीड़ित महिला ने पुलिस को उस रात की जो आपबीती बतायी है उसे सुनकर किसी के भी रोंगटे सिहर सकते हैं। पीड़ित महिला के पति ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि वो पड़ोसी से झगड़ा होने की वजह से अपने घर से अपने सास-ससुर के घर जा रही थी तब ये वारदात हुई।

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महिला का घर आईएमटी मानेसर के नजदीक स्थित एक गांव में है। महिला का पति घर पर नहीं था। पड़ोसी से झगड़े के बाद उसने ओल्ड गुरुग्राम स्थित सास-ससुर के पास जाने के लिए निकली। राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (एनएच-8) पर उसने पहले एक ट्रक वाले से लिफ्ट ली। चंद मिनटों बाद उसे अहसास हो गया कि ड्राइवर ने शराब पी रखी है। ट्रक ड्राइवर उसके संग छेड़खानी करने लगा तो वो उसकी गाड़ी से उतर गई। सड़क पर दूसरी गाड़ी का इंतजार कर रही महिला को एक ऑटो आता हुआ दिखा जिसमें दो लोग पीछे की सीट पर बैठे थे। महिला को लगा कि ये ऑटो भी उस रोड पर चलने वाले आम शेयरिंग ऑटो जैसा है।
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एफआईआर के अनुसार कुछ दूर जाने के बाद ऑटो चालक ने गाड़ी एक सुनसान जगह पर रोक दी। ऑटो ड्राइवर ने एक दूसरे आदमी से कहा, “हरि खाना ला।” उसके बाद ऑटोवाला गाड़ी आईएमटी सेक्टर आठ में ले गया और एक खाली प्लॉट पर उसे रोक लिया। एक व्यक्ति ने महिला से बच्ची को छीन लिया। एक व्यक्ति उसके संग रेप करने लगा। दूसरा व्यक्ति बच्ची का मुंह अपने हाथ से दबाए रहा। तीनों अभियुक्तों ने बारी-बारी से महिला के संग रेप किया और एक अभियुक्त बच्ची का मुंह हाथ से बंद किए रहा। महिला का बलात्कार करने के बाद अभियुक्तों ने बच्ची को सड़क पर बने कंक्रीट के डिवाइडर पर यह कहकर फेंक दिया कि “बहुत रोती है।”
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