अमेरिका भारत का नया ऑयल सप्लायर बन गया है। सोमवार को अमेरिका के क्रूड ऑयल की पहली खेप ओडिशा पहुंच गया है। करीब 16 लाख बैरल क्रूड ऑयल लेकर पहुंची इस खेप का भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों ने ओडिशा के पारादीप में स्वागत किया। ये क्रूड ऑयल भारत की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के लिए आया है। टाटा मोटर्स ला रही है इलेक्ट्रिक Tata Tigor, सरकार ने पहले ही दिया 10 हजार कारों का ऑर्डर
आईओसी ने जानकारी दी कि वो क्रूड ऑयल को पारादीप, हल्दिया (पश्चिम बंगाल), बारानुई(बिहार) और बनगेगांव (असम) में स्थित अपनी रिफाइनरिस तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने भी करीब 29 लाख बैरल क्रूड ऑयल का ऑर्डर दिया है, जिसमें 10 लाख अमेरिका की ओर से आना है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई समझौते हुए थे, जिसमें कच्चे तेल के आयात पर भी बातचीत हुई थी। इस खेप का का भारत आना काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस कदम से कच्चे तेल आयात के क्षेत्र में भारत को कई तरीकों से फायदा होने वाला है।
बताया जा रहा है कि अमेरिका से लिए जा रहे तेल पर वहीं ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट पड़ेगी जिस कोस्ट पर भारत खाड़ी देशों कच्चा तेल लेता है। अमेरिका से कच्चे तेल के आयात पर बैन 1975 में लगा दिया गया था, लेकिन बराक ओबामा सरकार ने इसे एक बार फिर 2105 में अहमियत दी। अब ट्रंप सरकार के शासनकाल में ये कामयाबी की ओर दिख रहा है।
भारत की सरकारी और निजी कंपनियां कच्चे तेल के आयाय के लिए करीब 5 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट कर चुकी हैं। दरअसल, भारत ने अपनी तेल कंपनियों को सलाह दी है कि वो अमेरिका से ही तेल की खरीदारी को बढ़ावा दें क्योंकि ये खाड़ी देशों के मुकाबले उन्हें ये सस्ता पड़ता है।
बताया जा रहा है कि ऐसा की दूसरा शिप अक्तूबर के आखिर तक भारत आ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि ये शिप करीब 1.9 मिलियन क्रूड ऑयल लेकर भारत में आ रहा है। भारत अमेरिका के अलावा कनाडा से भी तेल की खरीदारी में हाथ बढ़ा रहा है।