गुरुवार, 12 अक्टूबर को पेट्रोल पंप डीलरों द्वारा हड़ताल का आयोजन करने का आह्वान करने के बाद तेल कंपनियों ने भी सख्ती अपना ली है। कंपनियों ने डीलरों से कहा है कि अगर उन्होंने इस हड़ताल में भाग लिया तो कंपनी उनका डीलरशिप कांट्रैक्ट रद्द कर देगी।  Breaking: कानपुर में अमित शाह की मौजूदगी में तय हो रही निकाय चुनाव की रणनीति!
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इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि हड़ताल पर जाना बेमानी है। मार्केटिंग के लिए जो गाइडलाइंस बनाई गई हैं उसके मुताबिक वो क्वालिटी में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।
देश भर में हैं 54 हजार डीलर
पेट्रोलियम उत्पादों के 54,000 डीलर 13 अक्तूबर को देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। यूनाइटेड पेट्रोलियम फ्रंट (यूपीएफ) ने बेहतर लाभ (मार्जिन) समेत विभिन्न मांगों और पेट्रोलियम पदार्थों को भी जीएसटी के दायरे में लाए जाने के लिए इस हड़ताल का एलान किया है। 
फ्रंट ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो ईंधन विक्रेता 27 अक्तूबर से अनिश्चितकाल के लिए पेट्रोलियम उत्पाद की खरीद व बिक्री बंद कर देंगे। यूपीएफ 54,000 डीलरों का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स, द ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन और कंसोर्टियम ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर जैसे बड़े संगठन शामिल हैं।
फ्रंट की मांग है कि चार नवंबर, 2016 को तेल मार्केटिंग कंपनियों के साथ किए गए करार को लागू किया जाए। यह फैसला काफी समय से लंबित है। अन्य मांगों में डीलर मार्जिन की हर छह माह में समीक्षा, निवेश पर रिटर्न के लिए बेहतर नियम, कर्मचारियों के मुद्दों का समाधान, नुकसान से निपटने के लिए नए अध्ययन और एथेनॉल मिलाने व ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
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