गायत्री प्रसाद प्रजापति व उनके साथियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चल रहे सामूहिक दुराचार के मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक को पैरवी करने से रोक दिया गया है। पीड़ित महिला ने विशेष लोक अभियोजक के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। कुर्दों के साथ विवाद वाले क्षेत्र में घुसे इराकी बल
कुर्दों के साथ विवाद वाले क्षेत्र में घुसे इराकी बल
इसके बाद जिला शासकीय अधिवक्ता मुन्ना सिंह ने विशेष लोक अभियोजक श्रीपाल सिंह की जगह विशेष कोर्ट में तैनात एजीजीसी एमके सिंह को पैरवी करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में दर्ज सामूहिक दुराचार व नाबालिग से दुराचार के मामले में सरकार की ओर से पैरवी के लिए शासन ने श्रीपाल सिंह को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था।
इसके बाद पीड़िता ने प्रमुख सचिव न्याय तथा डीएम लखनऊ को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि श्रीपाल सिंह ने उनसे दिनांक रहित प्रार्थनापत्र ले लिए तथा छल-कपट से अपनी नियुक्ति लोक अभियोजक के रूप में करा ली जिससे अभियुक्तों को लाभ पहुंचाया जा सके।
अर्जी में पीड़िता ने कहा कि उसके पास प्राइवेट वकील है तथा सरकारी वकील भी उसके मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं। पीड़िता ने शिकायती पत्र में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति को निरस्त करने की मांग की।
महिला की दलील थी कि श्रीपाल सिंह समाजवादी सरकार में हमीरपुर में लोक अभियोजक रह चुके हैं। उनके संबंध मामले के मुख्य आरोपियों से हैं। वह आज भी आरोपियों के सम्पर्क में हैं।
इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने जिला शासकीय अधिवक्ता को सूचना दी तथा श्रीपाल सिंह के विशेष लोक अभियोजक के रूप में कार्य करने से रोक लगा दी।
गौरतलब है इस मामले में पीड़ितों की गवाही कोर्ट के सामने दर्ज की जानी है परंतु वह हाजिर नहीं हो रही है।
इस पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश उमाशंकर शर्मा ने गत तीन अक्तूबर को मामले में पीड़िता की गवाही के लिए 17 अक्तूबर की तारीख तय करते हुए एसएसपी को निर्देश दिया था कि वह सुनिश्चित करें कि 17 अक्तूबर को पीड़िता गवाही के लिए कोर्ट में हाजिर हो।
 TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features
				 
						
					 
						
					