भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में 9 अगस्त, 1942 का एक महत्वपूर्ण स्थान है। जो मार्ग वहां से शुरू हुआ था और 2022 तक नए भारत के निर्माण के साथ पूरा करना है।
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मोदी ने कहा कि जिस समय इस आंदोलन का बिगुल बजा था, उसके कुछ समय बाद देश के सभी प्रमुख नेता जेल चले गए थे। अंग्रेजों ने इस आंदोलन की विशालता के बारे में नहीं सोचा था। 1947 की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुख योगदान रहा था। 1857 से शुरू हुआ आजादी का बिगुल 1942 में जाकर के पूरा हुआ था।
मोदी ने कहा कि 9 अगस्त की तारीख को इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन 1925 में लखनऊ के पास काकोरी कांड हुआ था। सभी बड़े नेताओं को अंग्रेजों ने नजरबंद कर दिया था, जिसके बाद जयप्रकाश नारायण, लोहिया ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था।
पीएम ने कहा कि जनता ने महात्मा गांधी द्वारा दिए गए करो या मरो के नारे को बिलकुल अपना लिया था। भारत के आजाद होने के साथ ही ब्रिटेन का पूरी दुनिया से औपनिवेशवाद खत्म हो गया था। भारत को आजादी मिलने के बाद से अंग्रेजों का सूरज भी अस्त होना शुरू हो गया था।
1942 में देश का हर आदमी नेता बन गया था। तब से लेकर के आज तक भारत के लिए अवसर काफी बढ़ गए हैं। अगर हम मिलकर काम हो तो गांधी का सपना पूरा होगा। हम कई समस्याओं के खिलाफ काफी अच्छे से काम कर सकते हैं।
हम ईमानदारी का संकल्प करके देश को आगे ले जा सकते हैं। मोदी ने कहा कि दल से बड़ा देश है और राजनीति से बड़ी राष्ट्रनीति है। गांव छोड़कर लोग शहर की तरफ रुख कर रहे हैं। हम मिलकर काम करेंगे तो सफलता मिलेगी।
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना भ्रष्टाचार की वजह से पीछे छूट गया है। छोटी-छोटी बातों पर लोग हिंसक हो रहे हैं। ट्रैफिक जाम पर लोग लड़ लेते हैं। जीएसटी किसी एक के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए कामयाबी की बात है।
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