यूपी कैबिनेट अयोध्या में: मेहमानों को परोसे गए पूड़ी, रबड़ी, खोया पनीर सहित ये व्यंजन

प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों व विधान मंडल के सदस्यों को रामलला के दर्शन के बाद जन्मभूमि परिसर में लंच कराया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। परिसर में ही टेंट लगाकर कुर्सी व टेबल की व्यवस्था की गई थी। सभी मेहमानों को लंच में मक्के की रोटी के साथ सरसों का साग परोसा गया। इसके अलावा पूड़ी, खोया पनीर की सब्जी और सलाद भी था। स्वीट डिश में इमरती और रबड़ी के साथ गाजर का हलवा खिलाया गया।

भीड़ ने रोकी हनुमानगढ़ी दर्शन की राह
रामनगरी अयोध्या में इन दिनों देश दुनिया उमड़ रही है। जाति, धर्म व सीमाओं के बैरियर टूट गए हैं। देश व विदेश से श्रद्धालु रामलला की एक दर्शन पाने की लालसा लिए अयोध्या में उमड़ रहे हैं। राजसत्ता भी इसमें पीछे नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्री व विधायक रामलला के दर्शन पाकर उत्साहित और मुग्ध नजर आए। बड़ी संख्या में मंत्री व विधायक शनिवार को जब अयोध्या पहुंचे तो यहां की महिमा भी शिखर पर दिखी। राजसत्ता ने भी अयोध्या की महिमा को पूरे गौरव से शिरोधार्य किया। मंत्रियों व विधायकों के हनुमानगढ़ी दर्शन की भी योजना थी, लेकिन रामनगरी में श्रद्धालुओं के दवाब के चलते हनुमानगढ़ी दर्शन की योजना निरस्त कर दी गई। रामलला के दर्शन के बाद बाहर निकलने वाले मंत्रियों ने अपने अनुभव बयां किए तो हर कोई भावविभोर था।
जानिए किसने क्या कहा

– मैं यहां उस समय भी आया था, जब यहां एक ढांचा खड़ा था। चबूतरा बना हुआ था। अस्थायी मंदिर में भी रामलला के दर्शन किए थे। आज भव्य मंदिर में दर्शन-पूजन किया है। मैं भाव विह्वल हूं। रामजी से दूरी बनाकर जीवन का कल्याण संभव नहीं है। -सतीश महाना, विस अध्यक्ष

– अयोध्या सदियों से धर्म व संस्कृति का प्रधान केंद्र रही है। रामलला हमारी आस्था हैं, जिन्हें राजनीति दिखती है, यह उनके नेत्राें का दोष है। 500 साल बाद रामलला टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजे हैं। हर कोई इस महान क्षण को लेकर अभिभूत है।-जयवीर सिंह, मंत्री

-आज ऐसा लगा जैसे त्रेता का क्षण सजीव हो उठा हो। निषादराज भगवान राम के सखा थे। ऐसे में रामलला के दर्शन की अनुभूति शब्दाें में नहीं बयां की जा सकती। जो दर्शन करने नहीं आ सके, वे दुर्भाग्यशाली हैं।- संजय निषाद, मंत्री

– जीवन के लिए यह दुर्लभ दिन रहा, हमेशा याद रहेगा। बड़े ही भव्य तरीके से रामलला के दर्शन प्राप्त हुए हैं। सपा के विधायक नहीं आए हैं, पर सच यह है कि जिसको भगवान चाहते हैं, वही आता है। जो भक्त होगा, वही दर्शन के लिए आएगा।- अरुण पाठक, एमएलसी, कानपुर

– रामलला के सम्मुख थे तो ऐसा लगा कि जैसे शून्य भाव में चले गए हों। अद्भुत मंदिर व रामलला की अद्भुत छवि निहाल कर देनी वाली है, जीवन धन्य हो गया है। समाजवादी पार्टी प्रायश्चित कर रही है, प्रायश्चित पूरा हो जाएगा तब वे भी दर्शन करने जरूर आएंगे।- जेपीएस राठौर, मंत्री

– मंदिर बहुत ही भव्य बना है। लाखों कारसेवकों का बलिदान सफल हुआ है। सपा के एलएलए आना चाहते थे, शायद दवाब में नहीं आए। सबको यह समझ लेना चाहिए कि बिना रामलला के दरबार में आए किसी का कल्याण नहीं है।-दारा सिंह चौहान, मंत्री

– आज जीवन का सर्वोत्तम व सुखद दिन है। मोदी व योगी सरकार ने अयोध्या का कायाकल्प कर दिया है। कुछ लोग दर्शन को भी राजनीति का रंग दे रहे हैं। इसे सियासी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। मेरी तो श्रीराम से कामना है कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें।-नरेंद्र कश्यप मंत्री

भगवान श्रीरामलला के चरणों में भावविह्वल हूं, समर्पित हूं : महाना
नव्य मंदिर में रामलला के दर्शन करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आज मैं बहुत भावुक हूं क्योंकि मैं जब इस स्थान पर आया था तो यहां एक ढांचा खड़ा था जो छह दिसंबर को मेरे सामने टूटा था। मैं उस समय भी आया था जब वर्ष 1990 में यहां गोली चली थी। मैं तब भी आया था जब चबूतरे का निर्माण हुआ था। मंदिर के शिलान्यास पर भी आया और मंदिर का निर्माण शुरू होने पर भी आया। आज सबसे सौभाग्य की बात है कि भगवान के प्रत्यक्ष रूप से दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ। भगवान श्रीरामलला के चरणों में भावविह्वल हूं, समर्पित हूं।

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