नुकसान भी पहुंचाता है करेले का जूस
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करेले का जूस बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि इसमें शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए सभी जरूरी विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। जी हां डायबिटीज से लेकर वजन घटाने तक, सभी बीमारियों के लिए वरदान माने जाने वाला करेले का जूस हर किसी के लिए सिर्फ फायदों से भरपूर हो, ऐसा जरूरी भी नहीं है। क्योंकि किसी भी चीज की अति आपके लिए नुकसानदायक होती है। इसमें कोई शक नहीं है कि करेले का जूस ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। लेकिन कहते हैं न कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है। ऐसा ही करेले के साथ भी है शुगर को कम करने के लिए लोग इसका जरूरत से ज्यादा सेवन कर लेते हैं जिससे सेहत को नुकसान हो सकता है। हम आपको कुछ ऐसे कारण बता रहे हैं जिनसे साबित होता है कि करेला सिर्फ फायदेमंद ही नहीं नुकसानदायक भी होता है। आइए जानें क्या है वह कारण।
लिवर व किडनी के मरीजों के लिए नुकसानदायक
लिवर व किडनी के मरीजों के लिए के लिए इसका अत्याधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। यह लिवर में एन्जाइम्स का निर्माण बढ़ा देता है जिससे लिवर प्रभावित होता है। करेले का बीज में लेक्टिन नामक तत्व है जो आंतों तक प्रोटीन के संचार को रोक सकता है।
हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा
ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से डायबिटीज होता हैं और ब्लड में शुगर की कमी हो जाए तो उसे ‘हाइपोग्लाइसीमिया’ कहते हैं। शुगर की कमी, शुगर बढ़ने से कहीं ज्यादा हानिकारक हो सकती है। इसमें मरीज को चक्कर आना, बेहोश होकर कहीं भी गिर जाना जानलेवा हो सकता है। यानी यह एक ऐसी स्थिति है जब ब्लड शुगर कम होने से व्यक्ति बेहोश हो जाता है। और जब हम करेले के जूस का जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
पेट में हो सकती है गड़बड़
करेला खाने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं। इसके दस्त और पेट में दर्द होने जैसे कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। इसके अलावा ज्यादा मात्रा के सेवन से आपको गले और सीने में जलन भी महसूस हो सकती है।
प्रेगनेंसी में नुकसानदायक
करेले के जूस में मोमोकैरिन नामक तत्व होता है जो पीरियड्स के बहाव को बढ़ा देता है। गर्भावस्था के दौरान करेले के जूस का अधिक सेवन करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। कई बार इसके अ धिक सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान पीरियड्स की स्थिति भी पैदा हो सकती है। साथ ही करेले में एंटी लैक्टोलन तत्व भी होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान दूध बनने की प्रक्रिया में परेशानी का सबब बन सकता हैं।
हीमोलाइटिक एनीमिया का खतरा
करेले के अत्याधिक सेवन से हीमोलाइटिक एनीमिया हो सकता है। इस स्थिति में पेट में दर्द, सिर दर्द, बुखार या कोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हीमोलाइटिक एनीमिया में एनीमिया के कारण लाल रक्त कोशिकाएं बड़ी संख्या में तेजी से फटने लगती है। इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली की खराबी भी इसका एक कारण है।
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