भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवान अब पहले से कहीं अधिक मारक साबित होंगे, क्योंकि पड़ोसी देशों की सीमा पर तैनात अर्धसैनिक बल अब स्वदेशी एके47 असाल्ट रायफल ‘घातक’ से लैस होंगे.कश्मीर मुद्दे पर राहुल ने दिया बड़ा बयान, कहा- आतंकवाद को मनमोहन सरकार ने कम किया, मगर भाषण नहीं दिया
चाहे चीन सीमा की निगरानी करने वाली आईटीबीपी हो या पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ, अब इनके जवान पहले से कहीं अधिक मारक क्षमता के साथ सीमा की निगरानी कर सकेंगे. इस असाल्ट रायफल को पश्चिम बंगाल के रायफल फैक्ट्री ईशापुर में तैयार किया गया है.
लंबे समय से चली आ रही अर्धसैनिक बलों और पुलिस के लिए ऑटोमैटिक रायफल की कमी अब पूरी होने जा रही है. देश की नवरत्न कंपनियों में से एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने एके47 का देसी वर्जन ‘घातक’ तैयार किया है. अब तक यह स्वदेशस निर्मित असाल्ट रायफल सिर्फ केरल और कर्नाटक पुलिस को दिया गया था. आईटीबीपी 600 घातक असाल्ट रायफल खरीद रहा है.
क्या हैं खासियत घातक रायफल की -:
ईशापुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैयार यह स्वदेशी एके-47 रायफल यानी घातक रायफल 7.62×39 mm की रायफल है. आतंकवादियों पर निशाना लगाने और सीमा की सुरक्षा में कारगर इस रायफल का वजन बिना मैगजीन के 3.08 किलोग्राम है, जबकि लंबाई 890 mm है. एक साथ 30 राउंड गोलियां फायर करने की क्षमता रखने वाला यह रायफल प्रति मिनट 1000 राउंड फायर कर सकता है और 500 मीटर यानी आधा किलोमिटर की दूरी पर मौजूद दुश्मन पर बेहद सटीक निशाना लगाया जा सकता है.
आपको बता दें कि इस रायफल की मैगजीन प्लास्टिक और मेटल से बनी हुई है. इसमें लेजर लाइट लगाई जा सकती है. इसमें गोली चलाते समय आवाज न आए इसके लिए साइलेंसर भी फिट किया जा सकता है.
घातक की क्षमता को लेकर सवाल भी उठे हैं -:
इस स्वदेश निर्मित असाल्ट रायफल ‘घातक’ के ट्रायल के दौरान गृह मंत्रालय और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी शामिल थे. हालांकि आजतक को सूत्रों से जानकारी मिली है कि कई पैमानों पर फायरिंग के समय यह रायफल असफल रहे. सूत्र बताते हैं कि इसमें मैगजीन फायर के दौरान आसानी से फायर करना संभव नहीं है और फायर करते वक्त यह असाल्ट रायफल अधिक चिंगारी और आवाज निकालता है. इसके अलावा फायरिंग के दौरान घातक तेज झटका भी देता है.