अंत्योदय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधन

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित  किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश के किसानों के लिए लाए गए विधेयक के तहत होने वाले सुधारों के बारे में विस्तार से बताया और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे किसानों के पास जाकर सहज तरीके से इस बारे में उन्हें समझाएं।

प्रधानमंत्री को संबोधन के लिए स्वागत करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘हमारे लिए ये सौभाग्य की बात है और गौरव का विषय है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने अपने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के कार्यकाल में एकात्म मानववाद और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास के विचार को जमीनी स्तर पर उसका क्रियान्वयन किया, रूप दिया।’

प्रधानमंत्री का संबोधन-

– कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री ने सलाह देते हुए कहा, ‘दो गज़ की दूरी, मास्क, हाथ की साफ-सफाई, इन सभी के लिए जागरूकता फैलाना, निरंतर जरूरी है। हमें खुद भी इन नियमों का सख्ती से पालन करना है और दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना है।’

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्ययन की जरूरत

प्रधानमंत्री ने कहा,’ देश के सामान्य वर्ग को जब हमारी बहुत ज्यादा जरूरत थी तब हमने अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की ताकत अपने देश के लोगों की सेवा में लगा दिया।’ प्रधानमंत्री ने कहा, भाजपा के कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि हर इकाई 5 दिन या 7 दिन का एक विशेष सत्र तय करें, जो विद्वान लोग हैं उनको बुलाएं। हमारी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है उसे अध्ययन करने की जरूरत है। अध्ययन करने के बाद हम भी समाज में जाकर इसके लाभ समाज में पहुंचाएं।’

समाज में सबको मिले सही अवसर

 प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘ वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र, साफ़ है, गोलमोल नहीं है, हमने उसको जीकर दिखाया है। हम लोगों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है यही हमारा मंत्र है।’  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भाजपा की हर सरकार चाहे वो केंद्र में हो या राज्य में हो, वो यही प्रयास कर रही है कि समाज के सभी को सही अवसर मिले, कोई खुद को छूटा हुआ महसूस न करे।’

ठेका मजदूरी करने वालों के लिए योजना

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘निर्माण से जुड़े श्रमिकों के लिए एक कानून, खेत से जुड़े श्रमिकों के लिए दूसरा कानून। पत्रकारिता से जुड़े कामगारों के लिए एक कानून, फिल्म उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक साथियों के लिए अलग कानून। ऐसे अनेक कानून थे लेकिन अब ठेका मजदूरी के स्थान पर एक फिक्स्ड टर्म के रोजगार का भी विकल्प दिया गया है। ऐसे श्रमिकों को नियमित कर्मचारी की तरह ही वेतन मिलेगा। वेलफेयर से जुड़ी दूसरी योजनाओं का लाभ मिलेगा और उन्ही की ही तरह काम के घंटे भी फिक्स होंगे।’ उन्होंने कहा कि लाखों रेहड़ी-पटरी वाले साथियों को बैंक से सीधे 10 हज़ार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

किसान साथियों को जाकर बताएं भाजपा कार्यकर्ता

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भाजपा सरकार ने जो काम किया है, अब भाजपा के हर कार्यकर्ता को इन कानून की बातों को किसान साथियों के साथ बैठकर बिलकुल सरल भाषा में बताना है।’  प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यूपीए सरकार के 5 साल में किसान क्रेडिट कार्ड से किसान को करीब 20 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। भाजपा सरकार के 5 वर्ष में किसानों को करीब 35 लाख करोड़ रुपये केसीसी के माध्यम से दिए गए हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थी। देश इन बातों को भली-भांति जानता है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे देश के किसान, श्रमिक भाई-बहन, युवाओं, मध्यम वर्ग के हित में अनेक अच्छे और ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। जहां-जहां राज्यों में हमें सेवा करने का मौका मिला है वहां-वहां इन्हीं आदर्शों को परिपूर्ण करने के लिए उतने ही जी जान से लगे हुए हैं।’  प्रधानमंत्री ने कहा, ’21वीं सदी के भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाई देने के लिए, 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, आज जो कुछ भी हो रहा है, उसमें दीनदयाल जी जैसे महान व्यक्तित्वों का बहुत बड़ा आशीर्वाद है।’  प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘ आज हमारे बीच, ऐसे कम ही लोग हैं जिन्होंने दीनदयाल जी को जीते जी, देखा हो, सुना हो या उनके साथ काम किया हो। उनका स्मरण, उनके बताए रास्ते, उनका दर्शन, जीवन प्रति पल हमें पावन करता है, प्रेरणा देता है, ऊर्जा से भर देता है।’

इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री ने पहले ही  ट्वीट के जरिए दी थी। ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ( Pandit Deendayal Upadhyaya) के आदर्शों से हरकिसी को गरीबों की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है।

2014 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती, 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस (Antyodaya Diwas) घोषित किया गया था।  महामारी (pandemic) के समय में मंत्रालय सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों, परियोजना लागू करने वाली एजेंसियों, ग्रामीण युवकों और रोजगार देने वालों  के साथ मिलकर वर्चुअली इस पावन मौके को मना रहा है।

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