सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में सपा के एमएलसी तोड़ने पर भाजपा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा पत्थरबाज जबकि यूपी में बंदूकबाज है। समाजवादी आंदोलन के नायक जनेश्वर मिश्र की जयंती पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधा। कहा कि पत्थर फेंकना और एमएलसी तोड़ना भाजपा की आदत है। उन्होंने सभी जातियों के गरीबों को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने की मांग उठाई।बड़ा खुलासा: आखिर खुला महिलाओं के बाल काटने वालों का राज …तो इसलिए…
छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र की 85वीं जयंती शनिवार को राजधानी समेत प्रदेश भर में सादगी से मनाई गई। गोमतीनगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क, कालिदास मार्ग स्थित जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट और सपा मुख्यालय में पुष्प अर्पित उनके जीवन एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।
जनेश्वर मिश्र पार्क में माल्यार्पण के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा, भाजपा नेता हमारे एमएलसी को तोड़ रहे हैं। भाजपा सरकार में किसानों, नौजवानों समेत सभी परेशान हैं। पूर्वांचल की उपेक्षा की जा रही है। यदि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो जाएगा तो इस क्षेत्र का बहुत विकास होगा।
अखिलेश ने एक सवाल के जवाब में भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा, गरीबों का आरक्षण क्यों छीनते हो ? यदि तमिलनाडु समेत कई राज्यों में 50 प्रतिशत आरक्षण हो सकता है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं ?
संविधान कहता है कि जो लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं, सरकार का दायित्व है कि उन्हें विशेष अवसर दे। सरकार के पास सभी जातियों के आंकड़े हैं। यदि आप उन्हें देना चाहते हैं तो उनकी आबादी के अनुरूप हिस्सेदारी दीजिए। क्यों किसी का आरक्षण छीनते हैं ? कहा कि समाजवाद में सभी समस्याओं का समाधान है।
विघटनकारी शक्तियों से समाज को खतरा
इससे पहले जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए पूर्व सीएम ने कहा, समाजवाद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनका योगदान रहा है। केंद्र में कई सरकारों में मंत्री रहने के बावजूद निजी संपत्ति और भ्रष्टाचार से दूर रहकर वह बेदाग जिंदगी जिये। सांप्रदायिकता और पूंजीवादी ताकतों के खिलाफ वे हमेशा संघर्षशील रहे।
आज समाज गैर बराबरी और राजनीति में नैतिक मूल्यों के ह्रास की चुनौतियों से जूझ रहा है। व्यक्ति की गरिमा खतरे में है। विघटनकारी ताकतों से समाज संकट में है। सत्ता में एकाधिकारी प्रवृत्ति संविधान के मूल आदर्शों पर आघात करने वाली है। इन सब समस्याओं और चुनौतियों का समाधान समाजवादी विचाराधारा को अपनाकर ही हो सकता है।