सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नगरीय निकाय चुनावों के मतदान के ठीक अगले दिन बिजली दरों में वृद्धि प्रदेश की भाजपा सरकार की राजनीतिक बेईमानी और अनैतिक आचरण को दर्शाता है।
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किसानों, खास तौर से ग्रामीण क्षेत्रों की दरों मे बेतहाशा वृद्धि भाजपा की किसानों के प्रति सोच को दिखाता है। उन्होंने इस जनविरोधी वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
अखिलेश ने कहा, सपा सरकार के समय बिजली उत्पादन का बुनियादी ढांचा विकसित कर 8500 मेगावाट से 16500 मेगावाट उत्पादन की व्यवस्था की गई थी। उसे भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है।
ग्रामीण अनमीटर्ड बिजली उपभोक्ताओं की जो बिजली दरें तय हुई हैं, उन्हें देखा जाए तो स्पष्ट है कि गांव की जनता को ठगा गया है। ग्रामीण मीटर्ड उपभोक्ता पहले 50 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज व 2.20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल चुकाते थे जबकि अब उन्हें 80 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज और 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करना पडे़गा।
भाजपा जानती है कि किसान उनके बहकावे में कभी नहीं आ सकते हैं, इसलिए किसानों को दंडित किया जा रहा है। सपा किसानों पर भाजपा सरकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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