हेलमंड, कांधार और जाबुल के गवर्नरों ने बताया कि दोनों तरफ से इस सीजफायर का पालन किया गया और 24 घंटे में कहीं से भी किसी तरह के कोई हमले की खबर नहीं मिली. बता दें कि दक्षिणपंथी संस्था के सदस्यों द्वारा हेलमंड में अफगानी सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच मीटिंग करवाई गई थी, जिसके बाद यह संभव हो सका. जवानों और आतंकियों द्वारा इस तरह ईद मनाए जाने पर जाबुल प्रांत के एक कॉलेज छात्र ने कहा कि यह अब तक की सबसे सुरक्षित ईद थी. यह पहली बार था जब हमने इतनी सुरक्षित महसूस किया, इस खुशी को बयां करना मुश्किल है.

अफगानी जवानों और तालिबानी आतंकियों ने गले मिलकर मनाई गई ईद,

त्योहार के मौके पर आपसी रंजिश भूलकर अपनों को गले लगाने की बात तो हर कोई करता है लेकिन यह शायद पहली बार हुआ है जब ईद के मौके पर दुश्मनी भूलकर जवानों ने आतंकियों को गले लगाया है. अफगानिस्तान के जवानों और तालिबानी आतंकियों ने रमजान के पवित्र महीने के अंत में सीजफायर को बनाए रखा और गले मिलकर एक- दूसरे को ईद की बधाई दी.हेलमंड, कांधार और जाबुल के गवर्नरों ने बताया कि दोनों तरफ से इस सीजफायर का पालन किया गया और 24 घंटे में कहीं से भी किसी तरह के कोई हमले की खबर नहीं मिली. बता दें कि दक्षिणपंथी संस्था के सदस्यों द्वारा हेलमंड में अफगानी सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच मीटिंग करवाई गई थी, जिसके बाद यह संभव हो सका.  जवानों और आतंकियों द्वारा इस तरह ईद मनाए जाने पर जाबुल प्रांत के एक कॉलेज छात्र ने कहा कि यह अब तक की सबसे सुरक्षित ईद थी. यह पहली बार था जब हमने इतनी सुरक्षित महसूस किया, इस खुशी को बयां करना मुश्किल है.

दरअसल तालिबान ने सबको चौंकाते हुए ईद के मौके पर तीन दिन के सीजफायर की घोषणा की थी. तालिबान द्वारा लागू इस सीजफायर ने अफगान सरकार के सीजफायर को ओवरलैप किया. सरकार द्वारा लागू सीजफायर बुधवार तक लागू रहा.

सोशल मीडिया पर जारी इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सेना के जवान और तालिबानी आतंकी गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई दे रहे हैं. ये तस्वीरें लोगार प्रांत, दक्षिण काबुल और जाबुल की हैं. अफगान के डिप्टी इंटीरियर मंत्री मसूद अजीजी ने बताया कि इस सीजफायर पर पूरे देशभर में नजर रखी जा रही थी और अच्छी बात यह है कि इस दौरान कहीं कोई हमला नहीं हुआ.

हेलमंड, कांधार और जाबुल के गवर्नरों ने बताया कि दोनों तरफ से इस सीजफायर का पालन किया गया और 24 घंटे में कहीं से भी किसी तरह के कोई हमले की खबर नहीं मिली. बता दें कि दक्षिणपंथी संस्था के सदस्यों द्वारा हेलमंड में अफगानी सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच मीटिंग करवाई गई थी, जिसके बाद यह संभव हो सका.

जवानों और आतंकियों द्वारा इस तरह ईद मनाए जाने पर जाबुल प्रांत के एक कॉलेज छात्र ने कहा कि यह अब तक की सबसे सुरक्षित ईद थी. यह पहली बार था जब हमने इतनी सुरक्षित महसूस किया, इस खुशी को बयां करना मुश्किल है.

 

 
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