प्रो सुमन का कहना है कि किसी फंडिंग एजेंसी के बिना किसी अतिरिक्त सहायता के किसी भी नए कोर्स को चलाना असंभव है। इन कोर्स की फीस अन्य पाठ्यक्रमों से कहीं ज्यादा होंगी, इनमें परमानेंट टीचर्स रखने की मनाही है, 20 फीसदी विदेशी टीचर्स को यहाँ पढ़ाने का अवसर देने का प्रावधान है।
बैठक में इन मामलों पर ही होगी चर्चा
इसके अलावा पिछले 8 महीने से दिल्ली सरकार के कॉलेजों में गवर्निग बॉडी के लोगों के नामों को ना भेजना जिससे कॉलेजों में होने वाली 4500 शिक्षकों की नियुक्ति का मामला लटका हुआ है, गवर्निग बॉडी के चेयरमैन और उनके सदस्य नहीं है तो नियुक्तियां कैसे होंगी। वहीं दो दर्जन से अधिक कॉलेज में प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हैं और ओएसडी से काम चलाया जा रहा है, जैसे मामलों पर ही चर्चा होगी।
अब कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स होंगे शुरू..
डीयू के कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरु होंगे। इस आश्य का प्रस्ताव आगामी 20 जून को होने वाली एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लाया जा रहा है। इन कोर्सेज को शुरु करने को लेकर शिक्षकों की आम सहमति न होने के कारण बैठक से पहले ही इनका विरोध शुरु हो गया है। माना जा रहा है कि यह प्रमुख मुद्दा होने के कारण बैठक के हंगामेदार होने के आसार हैं। वहीं 28 कॉलेजों में गर्वनिंग बॉडी नहीं होने का मुद्दा भी अहम रहेगा। लखनऊ विश्वविद्यालय में बीटेक की काउंसलिंग आज से, फीस 80 हजार..
डीयू की एकेडिमक काउंसिल सदस्य प्रो हंसराज सुमन ने बताया कि हाल ही में यूजीसी ने डीयू रजिस्ट्रार को कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू करने संबंधी पत्र लिखा है जिसमें नए कोर्स को खोलने के संदर्भ में कहा गया है कि कॉलेज नए पाठ्यक्रम खोले मगर उन्हें स्वीकृत पदों से ज्यादा अन्य पदों की स्वीकृति और अन्य वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। इन 16 कॉलेजों में भारती कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज ,अरबिंदो कॉलेज सांध्य, रामानुजन कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज, राजधानी कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज, मिरांडा हाउस, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज पीजीडीएवी सांध्य आदि कॉलेज हैं। जिन्होंने नए कोर्स शुरु करने के लिए आवेदन किया था।