‘जब मन हो तब दफ्तर आना और मनमर्जी से चले जाना’ अब योगी सरकार में नहीं चलेगा। मंत्रियों से लेकर आईएएस व पीसीएस अधिकारियों और सचिवालय के सभी कर्मचारियों को आधार बेस्ड बायोमीट्रिक हाजिरी देनी होगी।
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कैबिनेट की अगली बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सचिवालयों में यह व्यवस्था पहले ही लागू हो चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी दफ्तरों की कार्यप्रणाली में सुधार की पहल सचिवालय से की है। सचिवालय में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के बाद अब ई-अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इससे सचिवालय में ई-ऑफिस सिस्टम से जुड़े मंत्रियों, अधिकारियों व कर्मियों की हाजिरी उनके कंप्यूटर सिस्टम पर ही हो जाएगी।
अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अनुभागों व चिह्नित स्थलों पर अंगुली से हाजिरी के सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे समय पर ऑफिस न आने और पहले चले जाने की शिकायतें खत्म हो जाएंगी। हालांकि मंत्रियों की प्रतिदिन सचिवालय में उपस्थिति अनिवार्य नहीं है, लेकिन नए सिस्टम से पता चल सकेगा कि वे कितना समय विभाग को देते हैं।
सचिवालय प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों से आधार, डिजिटल सिग्नेचर और पैन सहित तमाम जरूरी सूचनाएं पहले ही ले ली गई हैं। कैबिनेट की आगामी बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय हो सकता है। इसके बाद नए सिस्टम पर अमल शुरू हो जाएगा। नए साल से नई व्यवस्था लागू होने की संभावना ज्यादा है।
- अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक समय से दफ्तर आने के लिए मजबूर होंगे।
- एक अच्छी कार्य संस्कृति बनेगी और समय से काम का निपटारा संभव होगा।
- तय अवधि की ड्यूटी से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- अधिकारी तय समय के बाद कर्मचारियों को रोकेंगे तो उसका ब्योरा रहेगा।
- देर रात तक काम लेने पर अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच विवाद की गुंजाइश खत्म होगी।
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