लखनऊ के मड़ियांव के आईआईएम चौराहे के पास शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मक्का की बोरियों से ओवरलोड ट्रक डॉ. इस्लाम की कार पर पलट गया। दो घंटे तक डॉ. इस्लाम कार में फंसे रहे। पुलिस तमाशबीन खड़ी रही। लोगों से नहीं रहा गया और उन्होंने पुलिस को खदेड़ लिया। इसके बाद कार को काटकर डॉ. इस्लाम को बाहर निकाला। डॉ. इस्लाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
मेडिकल कॉलेज में धीरे धीरे ठप हो सकती है ऑक्सीजन सप्लाई…
कार का अगला हिस्सा दब गया, स्टीयरिंग और सीट के बीच फंस गया पैर
कार का अगला हिस्सा ट्रक के नीचे दब गया। डॉ. इस्लाम के पैर कार की स्टीयरिंग और सीट के बीच फंस गए। हादसा होते ही ट्रक का ड्राइवर और क्लीनर सहित उसमें बैठा एक अन्य युवक कूदकर भाग निकले।
255 क्विंटल लदा था मक्का, ई-रिक्शा को टक्कर मारते पलट गया
इंस्पेक्टर राघवन कुमार सिंह ने बताया कि एल्डिको अपार्टमेंट निवासी डॉ. इस्लाम एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रैक्टिस करने के साथ ही ठाकुरगंज में अपना क्लीनिक चलाते हैं। शनिवार को वह अपनी कार से ठाकुरगंज के क्लीनिक से घर लौट रहे थे। आईआईएम चौराहा पर वे एक दुकान के पास पानी लेने के लिए रुके। कार में बैठे-बैठे ही उन्होंने पानी मंगाया। इसी दौरान सामने से लहराता हुआ ट्रक एक ई-रिक्शा को टक्कर मारने के बाद उनकी कार पर पलट गया। हादसे में ई-रिक्शा चालक छठा मील के इस्लामनगर निवासी इलियास को भी चोटें आईं। ट्रक फर्रुखाबाद के कमालगंज की मनोज एंड संस फर्म का था और वहीं से 255 क्विंटल मक्का लादकर बीकेटी के रामेश्वरदास के गोदाम जा रहा था। ट्रक परवेज चला रहा था।
पुलिस 100 मीटर दूर खड़ी वॉट्सएप पर बिजी थी, लोगों ने खदेड़ा
हादसे की सूचना पाकर यूपी 100 सेवा की दो गाड़ियां मौके पर आ गईं। मड़ियांव कोतवाली से एक दरोगा व दो सिपाही भी घटनास्थल पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने कार के भीतर झांकने के बाद घटनास्थल का मुआयना किया और क्रेन बुलाने के लिए इधर-उधर फोन किया और घटनास्थल से 100 मीटर दूर जाकर खड़ी हो गई। दरोगा-सिपाही वॉट्सएप पर बिजी थे। लोगों से नहीं रहा गया और उन्होंने पुलिसकर्मियों को खदेड़ लिया। हालात बेकाबू होने की जानकारी पाकर इंस्पेक्टर राघवन कुमार सिंह मौके पर पहुंचे।
जो भी सामान मिला उसे कटर बना लिया
डॉ. इस्लाम दर्द से चीखते रहे। वे कहते रहे- मुझे बचा लो-मुझे बाहर निकालो…। लोगों से हाथ जोड़ रहे थे। डॉ. इस्लाम की पत्नी रूबी इस्लाम भी आ गईं। लोगों ने खुद तरकीब निकाली और कार को काटने का इंतजाम कर जुट गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद डॉक्टर को बाहर निकाल लिया। उनके पैरों में चोट थी। उन्हें तत्काल कॅरिअर मेडिकल कॉलेज ले जाकर भर्ती करा दिया गया।
ये खबर क्यों खास है…
यह खबर इसलिए नहीं खास कि यह सिर्फ चमत्कार है। ये खबर इसलिए खास है क्योंकि इसमें जज्बे की जीत है। डॉ. को कार से बाहर जिंदा इसलिए निकाला जा सका क्योंकि लोगों ने सही वक्त पर सही फैसला किया।
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