
Breaking: योगी व मोदी पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने साधा निशान, जानिए क्या कहा?
यह मामला 2014 से लंबित था। इस मामले पर केंद्र सरकार जहां उम्र सीमा के आधार पर डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के खिलाफ रही है वहीं दूसरी तरफ एनजीटी उम्र सीमा के आधार पर पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध को जायज ठहराती रही है। इस पीठ में जस्टिस जावद रहीम, जस्टिस रघुवेंद्र एस राठौर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक्सपर्ट मेंबर बिक्रम सिंह भी शामिल रहे। आईआईटी की रिपोर्ट से ही यह बात साफ हुई थी कि डीजल वाहनों से वातावरण ज्यादा प्रदूषित होता है जबकि केंद्र सरकार अपने हलफनामें में यह कहता रहा है कि डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी बेहद कम है।
इससे पहले एनजीटी 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली-एनसीआर से बाहर उन राज्यों और जिलों में भेजने का भी पूर्व में आदेश दे चुका है जहां गाडिय़ों की संख्या का घनत्व बेहद कम और प्रदूषण भी कम है। फिलहाल कुछ राज्यों की ओर से यह सूची एनजीटी में दाखिल की जा चुकी है। चुनौती यह है कि ऐसे जिलों में पुराने वाहन के खरीदार कब मौजूद होंगे और फिर जमीन की उपलब्धता का अभाव झेल रही दिल्ली में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए कहां रखा जाएगा।
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