महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मुंबई यूनिवर्सिटी को दिशा निर्देश दिया है कि वो जल्द से जल्द पेंडिंग परीक्षा परिणामों की घोषणा करें। इन नतीजों की वजह से 11, 981 छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। गवर्नर होने के अलावा राव सभी विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं।
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राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल ने आदेश दिया है कि 46,806 अनुरोधों के संबंध में उत्तरपत्रों के पुनर्मूल्यांकन को समय पर पूरा किया जाए और 477 परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा भी तुरंत की जाए। इसके संबंध में उन्होंने वाइस चांसलर प्रोफेसर देवानंद शिंदे, प्रो वाइस चांसलर प्रोफेसर धीरेन पटेल और बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन अर्जुन घटौले को निर्देश दिया है।
राजभवन में इस संबंध में बैठक हुई जहां पर परीक्षा परिणामों को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए। इस बैठक में कहा गया कि विंटर एग्जामिनेशन 8 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेंगे। वहीं राव ने बैठक में कहा कि इन परीक्षाओं के परिणामों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नतीजे 30 से 45 दिन के अंदर घोषित हो जाने चाहिए।
इस बैठक में राज्यपाल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों को परीक्षाओं का रोड मैप दिया गया। वहीं फणडवीस ने विश्वविद्यालय को कड़े शब्दों में कहा कि समर एग्जामिनेशन जैसी गलती दोबारा दोहराई नहीं जानी चाहिए। मुंबई विश्वविद्यालय की अपनी एक खास पहचान है और इस तरह की चीजें उसकी साख पर सवाल खड़ा करती हैं।
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