चीन की समुद्री ताकत से मुकाबले के लिए भारत भी 60 हजार करोड़ की पनडुब्बी परियोजना शुरू करने को पूरी तरह तैयार है। सरकार ने महत्वाकांक्षी सामरिक साझेदारी के तहत पहली बार देश में ही रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए प्रमुख निजी कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी है। रक्षा मंत्रालय अगले कुछ दिन इस परियोजना के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओएल) जारी कर सकता है।
अब पेट्रोल-डीजल की होम डिलीवरी का पायलट परीक्षण अगले माह से होगी शुरु..
इस परियोजना को चीन के पनडुब्बी बेड़े में तेज विस्तार से मुकाबले के लिए महत्वपूर्ण समझा जा रहा है। नौसेना इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने के लिए सरकार पर दबाव बना रही है।
इंजीनियरिंग क्षेत्र की शीर्ष दो ही निजी कंपनियों लार्सन एंड टूब्रो और रिलायंस डिफेंस को पी-75 (आई) परियोजना में शामिल होने का मौका दिया गया है। इस परियोजना के तहत कुल छह पनडुब्बी बनाई जाएगी।