अभी-अभी: पंकजा मुंडे ने किया शक्ति प्रदर्शन, नहीं पहुंचे BJP के दिग्गज

अभी-अभी: पंकजा मुंडे ने किया शक्ति प्रदर्शन, नहीं पहुंचे BJP के दिग्गज

महाराष्ट्र की केंद्रीय मंत्री और दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने बीड जिले के सांवरगांव में अपना शक्ति प्रदर्शन किया है. पंकजा मुंडे के पास इस सभा की इजाजत नहीं थी, लेकिन उन्हें सुनने के लिए वंजारी समाज के लोग उमड़ पड़े. सभा का आयोजन बीड जिले में भगवान बाबा के जन्मस्थल पर हुआ.अभी-अभी: पंकजा मुंडे ने किया शक्ति प्रदर्शन, नहीं पहुंचे BJP के दिग्गजPM दौरा: SPG ने कसा सुरक्षा घेरा, वायु सेना ने किया हेलीकॉप्टर लैंडिंग का अभ्यास…

नगर जिला प्रशासन ने बीड और अहमदनगर जिले के सीमावर्ती इलाके में स्थित भगवानगढ़ पर रैली की इजाजत नहीं दी थी. बावजूद इसके राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने दशहरे पर संत भगवान बाबा की जन्मस्थली सांवरगांव में अपना शक्ति प्रदर्शन किया.

गोपीनाथ मुंडे ने शुरू की थी ये प्रथा

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे (स्वर्गीय) अहमदनगर जिले में स्थित भगवानगढ़ में हर साल दशहरे पर उत्सव किया करते थे और वंजारी समाज के जन समुदाय को संबोधित किया करते थे. गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद भगवानगढ़ के महंत नामदेव शास्त्री ने ऐलान किया था कि भगवानगढ़ में कोई राजनीति रैली नहीं की जाएगी.

पंकजा मुंडे ने इस मुद्दे पर सवाल करने के बजाय भगवान बाबा के जन्मस्थान पर रैली का आयोजन किया. पंकजा मुंडे और उनकी बहन सांसद प्रीतम मुंडे ने भगवानगढ़ न सही, सांवरगांव में अपने पिता की प्रथा को जारी रखते हुए मराठवाड़ा इलाके में पूजे जाने वाले भगवान बाबा की जन्मस्थली पर दशहरा मनाया और जन समुदाय को संबोधित किया.

दांव पर थी दोनों बहनों की राजनीतिक हैसियत

यह बात ध्यान रखने की है कि भगवानगढ़ में रैली नहीं होने से सांवरगांव की रैली में मुंडे बहनों की राजनीतिक हैसियत दांव पर थी. माना जाता था कि 2014 विधानसभा चुनाव के बाद गोपीनाथ मुंडे केंद्र की राजनीति से राज्य की राजनीति में लौटने वाले थे और लगभग तय था कि गोपीनाथ मुंडे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का जिम्मा संभालेंगे.

अचानक दिल्ली में कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद कयास लग रहे थे कि उनकी बेटी पंकजा मुंडे को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाएगी और वे महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ.

एक साल बाद तक पंकजा मुंडे की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा और दावेदारी की बातें राजनीतिक गलियारों में होती रहीं, ये बातें तब तक होती रहीं  जब तक पंकजा मुंडे पर चिक्की घोटाले के आरोप नहीं लगे. 

पिछले साल यानी 2016 में दशहरे के अवसर पर भगवानगढ़ पर रैली की अनुमति नहीं मिली थी, लेकिन गढ़ के पास वाले पठार पर भव्य रैली का आयोजन हुआ और बहुत बड़ी संख्या में वंजारी समाज के लोग रैली में उमड़े. वंजारी समाज भगवान बाबा के प्रति आस्था रखता है और उसने गोपीनाथ मुंडे की बेटियों को पूरा सम्मान दिया.

‘आने वाले समय में महाराष्ट्र की CM बनें पंकजा’

इस साल भी कहा जा रहा था कि भगवान गढ़ के पास रैली होगी. पिछले महीने नागपुर के पास काटोल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी विधायक आशीष देशमुख ने कहा कि पंकजा मुंडे आने वाले समय में महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री बनें, तो पंकजा मुंडे ने भी जवाब में कहा कि आशीष देशमुख की इच्छा पूरी हो.

इस साल भगवानगढ़ के नीचे वाले पठार पर रैली की इजाजत नहीं मिलने पर मुंडे बहनों को सांवरगांव में दशहरा रैली का आयोजन करना पड़ा. पिछले साल भगवानगढ़ की रैली में महाराष्ट्र सरकार के अनेक नेता मौजूद रहे.

इस साल सांवरगांव की रैली में पंकजा मुंडे और सांसद प्रीतम मुंडे के अलावा सिर्फ राज्य गृह मंत्री राम शिंदे ने शिरकत की, लेकिन भाषण नहीं दिया. दोनों बहनों को सुनने बड़ी संख्या में लोग उमड़े. इससे ये स्पष्ट हो गया कि गोपीनाथ मुंडे को मानने वाला वंजारी समाज मुंडे बहनों को भी सम्मान देता है.

संत भगवान बाबा की बजाय झंडे पर नजर आई गोपीनाथ मुंडे की तस्वीर

सांवरगांव घाट में प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने दशहरा उत्सव का ध्वज फहराया. किंतु इस ध्वज के मध्य में संत भगवानबाबा की तस्वीर नहीं, बल्कि भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का चेहरा अंकित था. पंकजा मुंडे ने अपने वक्तव्य में कहा कि वह अपनी राजनीतिक ताकत को बढ़ाने का इरादा नहीं रखतीं.

लेकिन, झंडे में अंकित गोपीनाथ मुंडे की तस्वीर ने कई सवाल खड़े कर दिए कि संत भगवानबाबा के प्रति आस्था की आड़ में राजनीति ताकत बढ़ाने का ये नया हथकंडा तो नहीं.

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com