अभी-अभी: पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालत में हुई आतंकी की हुई मौत....

अभी-अभी: पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालत में हुई आतंकी की हुई मौत….

पलवल पुलिस की हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत होने के साथ ही पवन उर्फ हरिया के आतंक का अध्याय बंद हो गया। मौत से पहले आम जनता के लिए आतंक का सबब रहा हरिया मरने के बाद अब उन पुलिसकर्मियों के लिए परेशानी साबित होगा जिन्होंने उसे कस्टडी में लिया था। हरिया की मौत से उन परिवारों को सुकून मिला है, जिन्हें उसने जान से मारने की धमकी दे रखी है। बचपन से ही निडर और दबंग हरिया ने गांव तिगांव में ही छोटी मोटी लड़ाईयों के साथ जुर्म की दुनिया में कदम रखा था।अभी-अभी: पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालत में हुई आतंकी की हुई मौत....हरिया की जैसे जैसे दबंगई बढ़ी वैसे ही गांव में उसका विरोध भी बढ़ा। करीब डेढ़ साल पहले हरिया ने गांव छोड़ कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जगह बनानी शुरू की।

इस दौरान उसके संपर्क पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई बड़े बदमाशों से हुए। यूपी में उसने लूटपाट करने में महारत हासिल की। लूटपाट से आई अनाप शनाप धनराशि से उसने नए हथियार और वाहन रखने शुरू किए।

इसके साथ ही वह लूट हत्या की अंतरराज्यीय घटनाओं को अंजाम देने लगा। उसने गैंग में अपने पुराने साथी अरुण, अंकित आदि को शामिल किया। पिछली कई घटनाएं इन तीनों ने ही मिल कर अंजाम दी थीं।

 
लगातार बढ़ते आतंक की वजह से पहले यूपी पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपये इनाम की घोषणा की फिर राजस्थान पुलिस ने भी उसे इनामी बदमाश करार दिया।

हरियाणा पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था। एनकाउंटर में अरुण की मौत के बाद बढ़ा कर इनाम की इस राशि को एक लाख रुपये कर दिया गया था।

लगातार पुलिस के लगातार दबाव की वजह से हरिया ने चार दिन पहले ही पलवल पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। पुलिस रिमांड में रविवार को हरिया की संदिग्ध हालात में मौत हो गई।

फिलहाल पलवल पुलिस पोस्टमॉर्टम सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी है लेकिन हरिया को कस्टडी में लेने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच बैठना तय माना जा रहा है। 

तीन राज्यों में आतंक का पर्याय था हरिया 

-यूपी में 35 से अधिक लूट के मामले दर्ज, 10 हजार का रुपए ईनाम घोषित। 
-राजस्थान में लूट के 10 मामले, 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित। 
-हरियाणा में लूट, हत्या, हत्या के प्रयास के 10 मामले दर्ज, 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित। 

इन घटनाओं के बाद आया हरियाणा पुलिस के निशाने पर

-27 सितंबर 2017 पुरानी रंजिश के चलते अपने ही गांव में रहने वाले दूधिए 32 वर्षीय प्रमोद उर्फ भीम की तिगांव बस अड्डे के पास एचडीएफसी बैंक के सामने गोली मारकर हत्या।

-10 अक्टूबर 2017 नोएडा के तीन मूर्ति रोड पर पिस्तौल के बल पर ब्रेजा कार लूटी। पिस्तौल देख डरा चालक रवि कुमार खुद ही कार छोड़कर भाग गया। बाद में रवि कुमार ने नोएडा के इकोटेक पार्क-3 में लूट की एफआईआर दर्ज कराई।

-14 नवंबर 2017 नोएडा में लूटी ब्रेजा कार लेकर अंकित, अरुण और हरिया सोहना के भिवाड़ी पहुंचे। भिवाड़ी में कुछ दिन तक ठहरकर एक सुनार की रेकी की और उससे पांच लाख रुपये कीमत का सोना लूट कर फरार हो गया था, भिवाड़ी पुलिस ने लूट का केस दर्ज किया था।

-4 दिसंबर 2017 इन वारदात को अंजाम देने के बाद हरिया, अरुण और अंकित ने हसनपुर मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन संतराज बैसला और उसके चचेरे भाई बीरपाल बैसला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के साजिशकर्ता ने हरिया, अंकित और अरुण को दूध कारोबारी भीम की हत्या में फरारी के दौरान खर्च उठाने और भीम के नजदीकी नन्नू व उसके तीन साथियों की हत्या में मदद कराने की बात कहकर शामिल किया था।

-13 दिसंबर 2017 पूर्व चेयमैन की हत्या के साजिशकार्त ने ही हरिया, अंकित और अरुण को हथियार उपलब्ध कराए। इन्हीं हथियारों के साथ तीनों भैंसरावली गांव पहुंचे और नन्नू पर जानलेवा हमला किया लेकिन वह भाग निकला। हरिया की प्लानिंग नन्नू व ताजुपुर निवासी मोहित को मारने की है।

-15 जनवरी 2018 हरिया ने दिल्ली के मांडई में मामा के पड़ोसी पर गोलियां चलाई, भागकर तिगांव पहुंचा।

-16 जनवरी 2018 तिगांव में भूरा के घर पर फायरिंग कर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।  

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