भारतीय उद्योग जगत ने मुद्रास्फीति में आई नरमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती पर जोर दिया है. सब्जियों और खाद्य पदार्थों के दाम घटने से सितंबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 2.60 प्रतिशत रह गई.बड़ी खबर: पंजाब सरकार ने उद्योगों को दिया दिवाली का बड़ा तोहफा….
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) के अध्यक्ष पंकज पटेल ने मुद्रास्फीति आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुल मिलाकर मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के अनुमान के दायरे में है, जो कि उत्साहवर्धक संकेत है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक को इस मामले में अधिक संतुलित रुख अपनाना चाहिए खासतौर से ऐसे समय जब देश के औद्योगिक क्षेत्र को अपनी वृद्धि के मामले में समर्थन की जरूरत है.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी इस तरह का विचार व्यक्त किया है. उद्योग संघ ने कहा है कि जहां तक ब्याज दर में नरमी लाने की बात है, हाल में घोषित मौद्रिक नीति समीक्षा में इस अवसर को गंवा दिया गया.
रिजर्व बैंक ने चार अक्टूबर को पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में बेंचमार्क ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा. केन्द्रीय बैंक को आशंका है कि मुद्रास्फीति बढ़ सकती है.