डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अपने घटक व संबद्ध संस्थानों के उन शिक्षकों को 3000 डॉलर तक की आर्थिक सहायता देगा जो विदेशी फैकल्टी के साथ समझौता कर शोध करेंगे। इस कार्य के लिए दो माह विदेश जाने पर 2500 और तीन माह के लिए 3000 डॉलर दिए जाएंगे।
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इसके अलावा, इनके आने-जाने के साथ ही अन्य खर्च भी विश्वविद्यालय वहन करेगा। यह घोषणा प्राविधिक व चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने रविवार को विश्वविद्यालय में डॉ. कलाम की 86वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में की। इस योजना को ‘कलाम टीचर फॉरेन इंटर्नशिप प्रोग्राम’ नाम दिया गया है। इसके साथ ही, मंत्री ने कलाम स्क्राल सम्मान और कलाम शोध पत्र प्रकाशन पुरस्कार की भी घोषणा की।
उन्होंने बताया कि ‘साइंस साइटेशन इंडेक्स’ में शोध पत्र प्रकाशित कराने वाले शिक्षकों को भी विश्वविद्यालय सम्मानित करेगा। इन शोध पत्रों का प्रभाव दो क्षेत्रों से अधिक होना चाहिए। वहीं, सबसे ज्यादा संख्या में ‘साइंस साइटेशन इंडेक्स’ में शोध पत्र प्रकाशित करने वाले शिक्षकों को ‘कलाम स्क्राल सम्मान’ दिया जाएगा। ऐसे शिक्षकों का नाम, फोटो, बायोडाटा आदि एकेटीयू की वेबसाइट पर वर्ष भर स्क्राल करता रहेगा।
इस अवसर पर उन्होंने एकेटीयू के संबद्ध संस्थानों के उन मेधावियों को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने-अपने संस्थान में एंटरप्रेन्योरशिप सेल और कलाम सेंटर की स्थापना की है। इसके माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा। विद्यार्थी डॉ. कलाम के रास्ते पर चलेंगे और प्रतिदिन एक घंटे उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। इसके लिए वे पौधरोपण, गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को कोई तकनीकी या इंडस्ट्रियल मदद लखनऊ मेट्रो से चाहिए होगी तो वे पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने विवि को लखनऊ मेट्रो के साथ मिलकर प्रोजेक्ट करने की सलाह भी दी।
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