नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित शहर के नामी मयूर पब्लिक स्कूल सेक्टर-126 में निर्माणाधीन छत गिरने से शुक्रवार को 24 मजदूर दब गए। आनन-फानन में 14 मजदूरों को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 12 की हालत गंभीर बनी हुई है। एक मजदूर सुनील निवासी इलाबांस की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
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मयूर पब्लिक स्कूल में गेट नंबर-3 के पास स्पोर्ट्स कांप्लेक्स है। इसके प्रथम तल पर लेंटर डालने का काम किया जा रहा था। टीन शेड के बाद यहां वेल्डिंग व 3 इंच की सीमेंट-कंक्रीट से छत की ढलाई की जा रही थी। दोपहर करीब एक बजे अचानक पूरा लेंटर सरियों के साथ भरभरा कर नीचे गिर गया। इससे ऊपर और नीचे काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए।
सूचना मिलते ही मौके पर दमकल की दो गाड़ियां पहुंचीं। करीब दो घंटे के बाद पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारियों का अमला पहुंचा। इसी बीच 14 मजदूरों को अस्पताल ले जाया गया। देर शाम मलबे को हटाने का काम चलता रहा।
जिस स्थान पर काम चल रहा था उसके नीचे स्वीमिंग पूल भी है। घटना समय बच्चे क्लास में थे जिससे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा। घटना के बाद से ठेकेदार समेत कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी फरार हैं।
मयूर पब्लिक स्कूल में निर्माणाधीन छत दोपहर करीब एक बजे गिरी थी, लेकिन मलबा हटाने का काम लगभग पांच घंटे बाद शाम को शुरू हुआ। यहां मौके पर 6 छोटी क्रेन पहुंचीं, लेकिन मलबा हटाने में नाकाम रहीं। इसके बाद बड़ी क्रेन को बुलाया गया।
शाम 6 बजे एनडीआरएफ व प्राधिकरण की टीम ने मिलकर मलबा हटाने का काम शुरू किया। इतना बड़ा हादसा होने बावजूद स्कूल का मैनेजमेंट नजर नहीं आया। वहीं, घटना के दो घंटे बाद जिलाधिकारी, एसएसपी, एसपी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, श्रमायुक्त व पुलिस का महकमा मौके पर पहुंचा।
सेक्टर-9 स्थित शोभी इंजीनियर्स एंड इंटीरियर डेकोरेटर को स्कूल की तरफ से स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की दूसरी मंजिल बनाने का ठेका दिया गया था। कंपनी ने काम के लिए ठेकेदार रंजीव गुप्ता को जिम्मेदारी दी गई थी।
शुक्रवार सुबह 10:30 बजे सुपरवाइजर बाबू खान लेबर चौक से चंदन सिंह (इंजीनियर), अंजू, बाबू लाल, प्रभु, माजिद, कौसर अली, पप्पू दास, सोनबीर, राम सिंह, राजकुमार, चंदन प्लंबर, सत्यपाल, अली वसर, शांति, बसीर व सुनील को स्कूल में लेंटर डालने के लिए लेकर आया था। इन सभी मजदूरों को दिन के हिसाब से 350 रुपये की दिहाड़ी दी जानी थी। फिलहाल, यह मजदूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
इस हादसे के बाद प्राधिकरण की रेसक्यू टीम मौके पर पहुंची। प्राधिकरण मामले की जांच कर रहा है। निर्माणाधीन का जो काम स्कूल में किया जा रहा था। अगर उसमें कोई दोषी पाया गया तो प्राधिकरण कार्रवाई करेगा।-अतुल कुमार राय, एसीईओ, नोएडा प्राधिकरण
पहले भी हुए हैं ऐसे हादसे
14 मई 2015 : जेवर के दुर्गा पब्लिक स्कूल में छत गिरने से आठ बच्चे हुए थे घायल।
16 अक्तूबर 2014 : नोएडा के बरौला गांव स्थित स्कूल पर पड़ोस की निर्माणाधीन दीवार गिरने से पांच वर्षीय एक छात्र की मौत हुई थी। हादसे में लगभग 25 छात्र और दो शिक्षक घायल हुए थे।
11 दिसंबर 2012 : फरीदाबाद सेक्टर-88 में निर्माणाधीन स्कूल की बिल्डिंग गिरने से चार मजदूरों की मौत हुई थी। आठ गंभीर रूप से घायल हुए थे।