चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण पर रोक जारी रहेगी। जाटों सहित छह जातियों को पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण के लाभ पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने नेशनल बैकवर्ड कमिशन को 2018 तक इस मामले पर रिपोर्ट देने को कहा है कि यह सही है या नहीं।
ये भी पढ़े: बकरीद 2017: जानिए इस त्योहार अल्लाह को क्यों चाहिए होती है कुर्बानी
याचिका पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में हरियाणा शिक्षा विभाग के आंकड़े कोर्ट में पेश करते हुए कहा गया था कि अलग अलग पदों पर जाटों का प्रतिनिधित्व 30 से 56 प्रतिशत है।
वहीं, हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिका के आंकड़े गलत है। जाति के आधार पर कोई आंकड़े नहीं है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने यह डाटा खुद ही तैयार किया है। खंडपीठ ने इस पर कहा कि यह संभव नहीं है कि इतने बड़े स्तर पर आंकड़े खुद तैयार किए जाएं। सरकार के पास यह आंकड़े जरूर होंगे।
ये भी पढ़े: #बड़ी खबर: रविवार को होगा कैबिनेट विस्तार, अमित शाह के मंथन का दौर जारी, सभी मंत्रियों से…
आपको याद दिला दें कि पिछली साल जाट आंदोलन के दौरान प्रदेश में भयंकर हिंसा हुई थी। इस आंदोलन में तीस लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं जाटों की तरफ से विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर आगजनी की गई थी। जिसमें अरबों रुपए की संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features