पाकिस्तान में एक बार फिर से सेना और सरकार के बीच टकराव पैदा के हालात पैदा हो गए हैं. पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेजिस्लेटिव डेवलपमेंट एंड ट्रांसपरेंसी की ओर से देश की सेना और सरकार के बीच संबंध पर जारी एक निगरानी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. पनामा मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की ओर से नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट से एक बात तो साफ है कि पाकिस्तान में फिर से सैन्य तख्तापलट की ओर बढ़ रहा है.
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इस रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तानी सेना और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इतना ही नहीं, आने वाले दिनों में सेना और सरकार के रिश्ते और भी खराब हो सकते हैं. बर्खास्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सेना को लेकर बयानबाजी से हालात और बिगड़ रहे हैं. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा संविधान की सर्वोच्चता और कानून के शासन को बनाए रखने के बयान दे चुके हैं.
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेजिस्लेटिव डेवलपमेंट एंड ट्रांसपरेंसी के अध्यक्ष अहमद बिलाल महबूब ने कहा कि सेना को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. आमतौर पर ऐसे बयान मंत्री और विदेश विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य में पाकिस्तान में सेना और सरकार के बीच रिश्ते बेहद खराब हो जाएंगे. साथ ही संघर्ष के हालात पैदा हो जाएंगे.
इससे पहले अक्टूबर 2015 में आतंकवाद को समर्थन करने को लेकर तत्कालीन सेना प्रमुख राहील शरीफ और नवाज शरीफ सरकार के बीच टकराव की खबर सामने आई थी. इसको लेकर काफी बवाल मचा था. इस खबर को प्रकाशित करने की वजह से डॉन अखबार के पत्रकार सिरिल अलमीडा के विदेश दौरे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. साथ ही कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.
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